देहरादून: नए साल की शुरुआत से ही उत्तराखंड पुलिस में कई अहम बदलाव होते नजर आ रहे हैं। कानून का उल्लंघन करने वालों के साथ के साथ अब पुलिस विभाग अपने अधिकारियों के साथ भी सख्ती से पेश आ रही है। पहले जहां पुलिस विभाग के अधिकारी बिना किसी संयम के ड्यूटी करते थे अब उन सभी अधिकारियों के होश ठिकाने आ गए हैं। उत्तराखंड में पुलिस कांस्टेबल एवं हेड कांस्टेबल सेवा नियमावली में संशोधन को राज्य कैबिनेट ने आखिरकार मंजूरी दे दी है और इसके तहत अब पदोन्नति त्यागने के बाद भी ट्रांसफर लेना होगा। अब तक चले आ रहे नियम के अनुसार यदि पहले पदोन्नति होती थी तो उसके साथ ट्रांसफर भी होता था। अगर कोई पदोन्नति लेने से इनकार करता था तो उसका ट्रांसफर भी रुक जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर कोई पुलिस अफसर पदोन्नति लेने से इनकार करता है तो भी उनको ट्रांसफर लेना ही पड़ेगा।
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इसी के साथ नियमावली में हुए संशोधन के तहत अब सिपाहियों की सीधी भर्ती पुलिस विभाग नहीं बल्कि राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ही कराएगा। उनकी हेड कॉन्स्टेबल पदोन्नति पर भी आयोग ही परीक्षा के आधार पर निर्णय लेगा। दरअसल अभी तक कॉन्स्टेबल की सीधी भर्ती के लिए पुलिस विभाग द्वारा सारी प्रक्रिया की जाती थी। रिक्तियां निकालने से लेकर भर्ती तक सभी पुलिस विभाग के अधीन होता था मगर पिछले कुछ दिनों पहले पुलिस विभाग में इसमें संशोधन कराने के लिए प्रस्ताव भेजा जिस को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नियमावली में हुए संशोधन के बाद अब कॉन्स्टेबल की सीधी भर्ती राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ही जारी करेगा और इसमें युवा आवेदन कर सकेंगे।