चमोली: चमोली में रविवार सुबह आई आपदा ने केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा कर दी। चमोली में इस वक्त हर तरफ तबाही का मंजर हैं। यहां रैणी गांव में हिमस्खलन के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा नदी पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया। हादसे के वक्त दोनों प्रोजेक्ट पर सैकड़ों मजदूर काम कर रहे थे। डेढ़ सौ मजदूरों के लापता होने की सूचना है। नदी में सैलाब आने से अलकनंदा के निचले इलाकों में भी बाढ़ की संभावना बनी हुई है। उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक के लिए अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। हादसा सुबह करीब साढ़े दस बजे हुआ।
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रैणी गांव के पास लोगों ने ऋषिगंगा में अचानक सैलाब देखा। एवलांच के बाद क्षेत्र में दो हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को जबर्दस्त नुकसान हुआ है। धौलीगंगा नदी पर NTPC के प्रोजेक्ट को भी नुकसान पहुंचा है। हादसे के वक्त यहां 102 मजदूर काम कर रहे थे, जो कि लापता हैं। अब तक दो शव बरामद किए जा चुके हैं। ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम करने वाले 50 मजदूरों के बारे में भी कोई सूचना नहीं मिली है। आईटीबीपी और एसएसबी की टीमें भी राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। आपदा सचिव से जानकारी जुटाने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ पहुंच चुके हैं। नुकसान का जायजा लेने के लिए सीएम सड़क मार्ग से जोशीमठ से आगे घटनास्थल की तरफ जा रहे हैं।
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राहत की खबर ये है कि अलकनंदा का बहाव सामान्य हो गया है, नदी का जलस्तर सामान्य से 1 मीटर ऊपर है, लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। प्रधामनमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने घटना की जानकारी ली है। केंद्र ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। आपदा की इस घड़ी में राज्य समीक्षा पीड़ितों के साथ है। हादसे को लेकर हर अपडेट हम आप तक पहुंचाते रहेंगे। साथ ही हम आपसे ये अपील भी करना चाहते हैं कि हादसे को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें। फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने में मदद करें। पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ है, इसलिए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।