चमोली: चमोली में आई त्रासदी अपने पीछे कई रुलाने वाली कहानियां छोड़ गई। इस त्रासदी में कई लोगों ने अपने परिवार के लाल-मुखिया खो दिए। कुछ लोगों के शव मिल गए हैं, जबकि अन्य की तलाश जारी है। अपनों को खो देने के गम में मृतकों के परिवार वाले तिल-तिल कर के मरने को मजबूर हैं। दर्द से तड़पा देने वाली ऐसी ही एक खबर सिंगाही-खीरी से आई है। यहां जलप्रलय में लापता मजदूर की मां की सदमे में मौत हो गई। दरअसल प्रशासन की टीम जलप्रलय में मारे गए लोगों के शवों की शिनाख्त के लिए परिजनों के डीएनए सैंपल ले रही है। विनोद नाम के लापता मजदूर के परिजनों का भी डीएनए सैंपल लिया जा रहा था। इसके कुछ देर बाद विनोद की मां की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि महिला की मौत बेटे के मारे जाने के गम में हुई है। वो ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई। जानकारी के मुताबिक भैरवपुर गांव का रहने वाला मजदूर विनोद तपोवन में काम करने गया था, वो सिर्फ 20 साल का था। 7 फरवरी को आए सैलाब के बाद से विनोद का कुछ पता नहीं चला। विनोद की तलाश के लिए उसका बड़ा भाई सुरेश तपोवन गया है। वो अभी तक वहीं है। आगे पढ़िए
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उधर तपोवन स्थित सुरंग में मलबे की खुदाई के दौरान क्षत-विक्षत शव मिल रहे हैं। शवों तथा अंगों की पहचान के लिए सभी लापता और मृत मिले मजदूरों के परिवारवालों का डीएनए टेस्ट के जरिए शिनाख्त कराने का फैसला लिया गया है। इस कड़ी में शनिवार को प्रशासन और डॉक्टरों की टीम निघासन तहसील में डीएनए सैंपल लेने गई थी। लापता विनोद की मां 46 वर्षीय छोटी का भी शनिवार को सैंपल लिया गया। इसके बाद छोटी देवी गुमसुम हो गईं। उनकी तबीयत बिगड़ गई और थोड़ी देर बाद महिला का निधन हो गया। परिजनों ने बताया कि छोटी देवी बेटे के लापता होने के बाद से सदमे में थी। वहीं विनोद को खोजने गया दूसरा बेटा भी घर नहीं लौटा था। ये बात छोटी देवी को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी। शनिवार को जब डीएनए सैंपल लिया जा रहा था तो किसी ने बताया कि वहां मिल रहे अज्ञात शवों और मानव अंगों की पहचान के लिए सैंपल लिया जा रहा है। ये सुनने के बाद छोटी देवी सदमे में आ गई और उनकी मौत हो गई।