उत्तराखंड देहरादूनPrimery schools may open from 1 april in uttarakhand

उत्तराखंड में 1 अप्रैल से खुल सकते हैं प्राथमिक स्कूल..सरकार से मिले संकेत

उत्तराखंड में 1 अप्रैल से प्राथमिक स्कूलों को भी पढ़ाई के लिए खोला जा सकता है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस बात के संकेत दे दिए हैं।

Uttarakhand privet school: Primery schools may open from 1 april in uttarakhand
Image: Primery schools may open from 1 april in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कोरोना के बीच बीते 1 साल तक सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई हुई मगर धीरे-धीरे सब कुछ नॉर्मल हो रहा है। छठीं से लेकर बारहवीं तक के स्कूलों के खुलने के बाद अब सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली है कि आने वाले 1 अप्रैल से प्राथमिक स्कूलों को भी पढ़ाई के लिए खोला जा सकता है। जी हां, अभी तक उत्तराखंड में सभी प्राथमिक स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। साल भर से पांचवी तक के सभी स्कूलों पर ताला लगा रखा है। मगर खबर यह आ रही है कि 1 अप्रैल से यह प्राथमिक स्कूल खोले जा सकते हैं। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक प्राथमिक स्कूलों को खोलने पर यह सहमति बन चुकी है और अब कैबिनेट में इस को लागू करने का फैसला लेना है। आपको बता दें कि प्रदेश सरकार कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को खुल चुकी है और इन स्कूल में पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है।

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हालांकि स्कूलों में अभी भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की पढ़ाई हो रही है। जिन अभिभावकों को अपने बच्चों को कोरोना के भय से स्कूल नहीं भेजना है वे अपने बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करवा सकते हैं। हालांकि छठी से लेकर बारहवीं तक के सभी स्कूलों को तो खोल दिया गया है मगर पहली से लेकर पांचवी तक की सभी कक्षाओं को अभी तक खुला नहीं जा सका है और पांचवी तक की सभी कक्षाओं की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है मगर अब उत्तराखंड में प्राथमिक स्कूलों को खोलने के ऊपर भी विचार विमर्श किया जा रहा है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस बात के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आगामी बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव रखने की तैयारी की जा रही है। स्कूल खोलने का फैसला अभिभावकों की इच्छा से लागू किया जाएगा। विद्यालय प्रशासन बच्चों को स्कूल भेजने का कोई प्रेशर किसी भी अभिभावक के ऊपर नहीं डाल सकेगा और वे बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प चुन सकेंगे।