उत्तराखंड अल्मोड़ाKhadi Holi in Kumaon

पहाड़ों में छाने लगा खड़ी होली का खुमार...सड़कों पर उतरने लगे होल्यार

होली का त्यौहार कुमाऊँ में बसंत पंचमी के दिन शुरू हो जाता है। कुमाऊँनी होली के तीन प्रारूप हैं; बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली

Khadi holi uttarakhand: Khadi Holi in Kumaon
Image: Khadi Holi in Kumaon (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में होली का त्यौहार एक अलग तरह से मनाया जाता है, जिसे कुमाऊँनी होली कहते हैं। कुमाऊँनी होली का अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व है। यह कुमाऊँनी लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है, क्योंकि यह केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का ही नहीं, बल्कि पहाड़ी सर्दियों के अंत का और नए बुआई के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो इस उत्तर भारतीय कृषि समुदाय के लिए बहुत महत्व रखता है। होली का त्यौहार कुमाऊँ में बसंत पंचमी के दिन शुरू हो जाता है। कुमाऊँनी होली के तीन प्रारूप हैं; बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली। इस होली में सिर्फ अबीर-गुलाल का टीका ही नहीं होता, वरन बैठकी होली और खड़ी होली गायन की शास्त्रीय परंपरा भी शामिल होती है। उत्तराखंड अपनी संस्कृति के लिये जाना जाता है जहाँ पर हर पर्व को बड़े हर्षोउल्लास से मनाया जाता है ऐसे ही यहाँ की खड़ी होली है जो पर्वतीय क्षेत्रो में रंग पड़ने के बाद ही जहाँ चिर बंधन हो गया है वही अब अल्मोड़ा जनपद के गांवों में खड़ी होली का गायन शुरू हो गया है जिसमे होल्यारों द्वारा हर घर जाकर होली गायन किया जाता है जो यहाँ की संस्कृति व मिलन की एक मिसाल है.
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