पौड़ी गढ़वाल: राज्य सरकार लोगों से पहाड़ों को आबाद करने को कह रही है, लेकिन जहां मासूम ही सुरक्षित न हों, वहां भला कोई क्यों रहना चाहेगा। पर्वतीय इलाकों में नरभक्षी गुलदारों का आतंक कम नहीं हो रहा। जंगल में घास काटने गई महिलाएं हों या फिर घरों के बाहर खेलते बच्चे, कोई भी सुरक्षित नहीं है। गुलदार के हमले की ताजा घटना पौड़ी गढ़वाल में सामने आई। जहां दादी के साथ खेत से घर की तरफ आ रही 3 साल की मासूम को गुलदार उठा ले गया। बाद में बच्ची की लाश झाड़ियों में पड़ी मिली। घटना दुगड्डा नगर पालिका से सटे गांव गोदी बड़ी की है। यहां चंद्रमोहन डबराल अपने परिवार के साथ रहते हैं।परिवार में 3 साल की बेटी माही भी थी। पूरा परिवार माही पर जान छिड़कता था। वो सबकी लाडली थी। शनिवार शाम करीब 7 बजे माही अपनी दादी और अन्य ग्रामीणों के साथ खेत से घर की तरफ आ रही थी। माही अपने साथी बच्चों के साथ खेलते हुए आगे चल रही थी। आगे पढ़िए
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इसी दौरान झाड़ियों में घात लगाकर बैठे गुलदार ने माही पर झपट्टा मार दिया और उसे घसीटते हुए झाड़ियों की तरफ ले गया। घटना के बाद ग्रामीणों ने शोर मचाते हुए झाड़ियों की तरफ पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। जिसके बाद गुलदार माही को मौके पर छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। गुलदार के हमले में माही की मौत हो चुकी थी। गुलदार ने माही के चेहरे और गर्दन पर गहरे घाव कर दिए थे। सूचना मिलने पर लैंसडाउन वन प्रभाग के दुगड्डा रेंज के अधिकारी पूरी टीम के साथ गांव में पहुंचे और घटना की जानकारी जुटाई। बता दें कि यहां 11 मार्च को भी गुलदार ने गांव सरड़ा में एक बच्चे पर हमला किया था। हमले में बच्चा बुरी तरह घायल हो गया था। क्षेत्र मे गुलदार के हमले की बढ़ती घटनाओं से लोग दहशत में हैं। वो शाम होने से पहले ही घरों में कैद हो जाते हैं। बहरहाल वन विभाग की टीम गुलदार की तलाश में जुट गई है। गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा भी लगाया जाएगा।