पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भीषण रूप लेने लगी है। इस आग से वन्य जीवों का जीवन खतरे में पड़ गया है। कई लोगों की जान भी गई है। आग पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, केंद्र से मदद भी ली गई है, लेकिन ये उपाय ज्यादा कारगर साबित नहीं हो रहे। जंगल की आग पर काबू पाने के लिए हजारों वनकर्मियों की मदद ली जा रही है। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत खुद फील्ड में हैं और जंगल की आग बुझाने में मदद भी कर रहे हैं। गुरुवार को वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत अपनी धर्मपत्नी के साथ श्रीनगर के दूब श्रीकोट में जंगल की आग बुझाते हुए नजर आये। वन मंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी ने भी आग बुझाने में मदद की। गुरुवार को वन मंत्री हरक सिंह रावत कोटद्वार से लौट रहे थे। इस दौरान उन्हें श्रीनगर के जंगलों में आग लगी दिखाई दी।
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जंगल को धधकते देख वन मंत्री अपने वाहन से उतरे और आग को बुझाने लगे। डॉ. हरक सिंह रावत के साथ उनकी पत्नी भी आग बुझाते हुए नजर आईं। जंगल में लगी आग इतनी विकराल हो चुकी थी कि बाद में फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ी। तब कहीं जाकर आग पर काबू पाया जा सका। उत्तराखंड में पिछले कई महीनों से जंगल धधक रहे हैं। बीते दिनों बारिश-तूफान की वजह से जंगल में आग लगने की घटनाओं में कमी आई थी, लेकिन गुरुवार को एक बार फिर जंगलों में वनाग्नि भड़क गई। इस दौरान वनाग्नि के करीब 90 मामले सामने आए, जिसमें 133 हेक्टेयर जंगल जल गया। वन विभाग की तरफ से जारी फायर बुलेटिन के मुताबिक गुरुवार को गढ़वाल मंडल में 44 और कुमाऊं मंडल में 32 मामले रिपोर्ट किए गए। इसके लिए उत्तराखंड में सर्दियों के दौरान कम बारिश और बर्फबारी को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
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