उत्तराखंड हरिद्वारOxygen exhausted in Roorkee Vinay Vishal Hospital

उत्तराखंड: अस्पताल में खत्म हुई ऑक्सीजन..50 मरीजों की सांसें अटकी, प्रबंधन के हाथ-पांव फूले

रुड़की में स्थित कोविड अस्पताल विनय विशाल अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने में एक घंटे का समय शेष रह गया जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की हालत खराब हो गई

Coronavirus in uttarakhand: Oxygen exhausted in Roorkee Vinay Vishal Hospital
Image: Oxygen exhausted in Roorkee Vinay Vishal Hospital (Source: Social Media)

हरिद्वार: उत्तराखंड कोविड की दूसरी लहर की चपेट में है। प्रदेश में कोरोना हाहाकार मचा रहा है। एक तरफ कोरोना के बढ़ते हुए केस हैं और दूसरी तरफ प्रदेश में अस्पतालों की दयनीय हालत।कोविड के संक्रमित मरीजों को वर्तमान में ऑक्सीजन की कितनी जरूरत है यह पूरे देश में साफ पता लग रहा है मगर इसके बावजूद भी सरकार आंख मूंदे हुए है। प्रदेश में ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही है और मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु हो रही है। हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा यह साफ कहा गया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है मगर असलियत यह है कि उत्तराखंड में मौजूद अस्पतालों की हालत बेहद खराब है और मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। अस्पतालों को समय पर ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं पहुंच रही है जिस कारण वहां भर्ती मरीजों की जान के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। ऐसा ही कुछ हुआ रुड़की के एक अस्पताल में जहां पर ऑक्सीजन के खत्म होते-होते 50 मरीजों की सांसे अटक गईं। इसके बाद अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। वो तो आखिरी समय पर ऑक्सीजन मंगवाई गई जिससे मरीजों की जान बच सकी। अगर ऑक्सीजन मिलने में जरा भी देरी हो जाती तो बड़ी अनहोनी घट सकती थी और अस्पताल में भर्ती मरीज प्रशासन एवं सरकार की लापरवाही का शिकार हो सकते थे।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - गढ़वाल से बड़ी खबर..अंतिम संस्कार में शामिल होने गए 1 ही परिवार के 18 लोग कोरोना पॉजिटिव
रुड़की में स्थित विनय विशाल अस्पताल में बीते गुरुवार को ऑक्सीजन खत्म होने में एक घंटे का समय शेष रह गया जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की हालत खराब हो गई और इस दौरान वेंटिलेटर पर सांस ले रहे तकरीबन 50 मरीजों की भी सांसे अटक गईं। आश्चर्य की बात तो यह है कि रुड़की क्षेत्र से सबसे ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और वहीं पर ऑक्सीजन की कमी हो रही है। अस्पताल में बीते गुरुवार को ऑक्सीजन खत्म होने के कगार पर आ गई जिसके बाद अस्पताल प्रशासन बेहद चिंतित हो गया। अस्पताल में उस समय तकरीबन 50 मरीज वेंटिलेटर पर सांस ले रहे थे, इसके बाद उनकी जान पर भी खतरा मंडराने लगा। ऐसे में आखिरी समय पर अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंची उसके बाद जाकर अस्पताल प्रबंधन की जान में जान आई और मरीजों को ऑक्सीजन दिया गया।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - दुखद: आज तक के एंकर रोहित सरदाना का कोरोना से निधन, अस्पताल में चल रहा था इलाज
बता दें कि रुड़की में स्थित विनय विशाल हॉस्पिटल, आरोग्यं हॉस्पिटल और सिविल अस्पताल में कोविड के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई पर पैनी नजर रखें। बीते गुरुवार को विनय विशाल अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने लगी और प्लांट से भी ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं पहुंच पाई जिसके बाद अस्पताल में भर्ती 50 से भी अधिक मरीजों की जान पर खतरा मंडराने लगा। अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में ऑक्सीजन की सप्लाई मंगवाई जिसके बाद जाकर उनकी जान में जान आई। गुरुवार की शाम को एक बार फिर से अस्पताल में तीन ही ऑक्सीजन सिलेंडर शेष रह गए। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन फिर से चिंतित हो गया और प्लांट में ऑक्सीजन सप्लाई की मांग की गई तो जवाब मिला कि लाइट जाने की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने प्रशासन के अधिकारियों से बात की और देर रात को ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई जिसके बाद जाकर अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली और अस्पताल में भर्ती और वेंटिलेटर पर मौजूद 50 मरीजों की जान बच पाई।