उत्तराखंड हल्द्वानीBlack marketing of drugs in Haldwani

हे भगवान! हल्द्वानी में Not For Sale दवाएं बेच रहे मुनाफाखोर..कोरोना के बीच ऐसी अंधेरगर्दी

जिन दवाओं पर नॉट फॉर सेल लिखा था, उन्हें भी हजार-हजार रुपये में बेचा जा रहा था। वहीं 300 रुपये की दवा हजार रुपये में बेची जा रही थी। आगे जानिए पूरा मामला

Haldwani Not For Sale Drugs: Black marketing of drugs in Haldwani
Image: Black marketing of drugs in Haldwani (Source: Social Media)

हल्द्वानी: प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार तेजी से बढ़ रहा है। हर दिन रिकॉर्ड तोड़ नए संक्रमित मिल रहे हैं। संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही लोगों में डर, घबराहट और बेबसी बढ़ती जा रही है। मुसीबत के वक्त में एक इंसान को दूसरे इंसान की मदद करनी चाहिए, लेकिन कुछ मुनाफाखोर मुसीबत के दौर में भी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे। इंजेक्शन, ऑक्सीजन के साथ प्राणरक्षक दवाओं की कालाबाजारी बढ़ गई है। कोविड संबंधी दवाइयों से लेकर ऑक्सीमीटर जैसे मेडिकल उपकरण तीन से चार गुना दामों में बेचे जा रहे हैं। अपनों की जान बचाने के लिए लोग इन्हें खरीद भी रहे हैं। नैनीताल के हल्द्वानी में भी यही हो रहा था। यहां एक मेडिकल स्टोर का मालिक नॉट फॉर सेल लिखी दवाईयां भी हजार-हजार रुपये में बेच रहा था। ऑक्सीमीटर समेत दूसरे उपकरण और दवाईयों के लिए भी मनमाने दाम वसूले जा रहे थे।

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शिकायत मिलने पर पुलिस ने एसओजी और ड्रग इंस्पेक्टर समेत प्रशासन की एक टीम को शहर के कैंसर हॉस्पिटल के चौराहे के पास स्थित सेंट्रल मेडिकल स्टोर में भेजा। छापेमारी के दौरान शिकायत सही पाई गई। मेडिकल स्टोर संचालक कोविड-19 से संबंधित दवाएं कई गुना ज्यादा दाम में बेच रहा था। कोविड से संबंधित दवा फ्लूगार्ड को 300 रुपये की जगह 1000 रुपये में बेचा जा रहा था। स्टोर में चेकिंग के दौरान फ्लोनजीपाम, अल्फाजोलम और फ्लोबाजेम जैसी कई प्रतिबंधित दवाएं भारी मात्रा में बरामद हुईं। इस मामले में पुलिस ने मेडिकल स्टोर के मालिक रविंद्र शर्मा और सेल्समैन विशाल सक्सेना को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, महामारी अधिनियम और एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।