उत्तराखंड चमोलीUttarakhand Chardham Yatra from Friday 13 May

उत्तराखंड: कल से बिना यात्रियों के शुरू होगी चारधाम यात्रा..2 मिनट में पढ़िए पूरी गाइडलाइन

यमुनोत्री धाम के कपाट शुक्रवार को खोले जाएंगे. इस बार कोरोना के कारण श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं है. धाम में पुजारियों और प्रशासन के लोगों को मिलाकर कुल 25 लोग ही जा सकेंगे.

Chardham Yatra Uttarakhand: Uttarakhand Chardham Yatra from Friday 13 May
Image: Uttarakhand Chardham Yatra from Friday 13 May (Source: Social Media)

चमोली: कोरोनाकाल की मार इतिहास में दूसरी बार लगातार चारधाम यात्रा पर भी पड़ी है। जी हां ये दूसरी बार होगा, जब यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बिना श्रद्धालुओं के खुलेंगे। प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिला प्रशासन ने यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोलने को लेकर तैयारियां पूरी कर दी हैं। शुक्रवार दोपहर को अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट 12 बजकर 15 मिनट पर 6 माह ग्रीष्मकाल के लिए विधि-विधान के साथ खोल दिये जायेंगे। उसके बाद 15 मई शनिवार को सुबह गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर मिथुन लग्न की शुभ बेला पर सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर 6 माह के लिए विधि-विधान के साथ खोल दिए जाएंगे। गाइडलाइन के अनुसार कपाट खुलने पर धाम में पूजा सांकेतिक रूप से होती रहेगी। कपाट खुलने के बाद धाम सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही खुले रहेंगे। आगे पढ़िए पूरी गाइडलाइन

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प्रवेशद्वार पर सैनेटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा। थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से जांच भी की जाएगी। जिन लोगों में कोविड के लक्षण नहीं होंगे, सिर्फ उन्हें ही देवस्थान परिसर में एंट्री की अनुमति होगी। एंट्री करने वाले लोगों को फेस कवर यानी मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करना होगा। परिसर में प्रवेश से पहले जूते-चप्पलों को अपेक्षित जगह पर ही रखना जरूरी होगा। परिसर के अंदर और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। देवस्थानम गर्भगृह में केवल रावल, पुजारी और संबंधित लोगों को ही जाने की अनुमति होगी। लाइन में लगने की स्थिति में लोगों को एक-दूसरे से कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी रखनी होगी। बैठने वाली जगहों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। मूर्तियों, घंटियों, प्रतिरूपों और ग्रंथों-पुस्तकों को छूने की अनुमति नहीं होगी। परिसर में प्रसाद बांटने और टीका लगाने की अनुमति नहीं होगी।

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भोग के वितरण के समय सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करना होगा। देवस्थान में लगातार सफाई करनी होगी, सैनेटाइजेशन करना होगा। मंदिर के अंदर एक ही मैट, दरी और चादर के इस्तेमाल से पूरी तरह बचना होगा। इसके अलावा कोविड रोकथाम के लिए शासन-प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। आपको बता दें कि 14 मई को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को सुबह पांच बजे खुलेंगे, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर विधिविधान से खोले जाएंगे। चारधाम के कपाट अपने तय समय पर जरूर खुलेंगे, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा स्थगित कर दी गई है।