पौड़ी गढ़वाल: कोरोना संक्रमण के मामले में पहाड़ी जिलों ने मैदानी जिलों को भी पीछे छोड़ दिया है। राज्य में दो जिले ऐसे हैं, जहां के लोगों को सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। संक्रमण की दृष्टि से इन जिलों में रहने वाला हर तीसरा व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिल रहा है। ये जिले हैं पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल। यहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। हर दिन न सिर्फ कोरोना के सैकड़ों नए केस मिल रहे हैं, बल्कि कई लोगों की जान भी जा रही है। अब इन जिलों में बिगड़ते हालात को देखते हुए हर व्यक्ति को आइवरमेक्टिन की गोली तीन दिन तक दिन में दो बार खिलाने का निर्णय लिया गया है। ताकि कोरोना संक्रमण की दर को बढ़ने से रोका जा सके। राज्य की एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन प्रो. हेमचंद्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दर नैनीताल जिले में 40 और पौड़ी जिले में 42 फीसदी तक पहुंच गई है। इससे साफ है कि राज्य की बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में है। आइवरमेक्टिन इलाज और बचाव दोनों में कारगर है, इसलिए प्रदेशवासियों को आइवरमेक्टिन की दवा का सेवन कराने की सिफारिश की गई है।
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कोरोना रोकथाम के लिए पूरे राज्य में हर व्यक्ति को आइवरमेक्टिन की दवा का किट दिया जाएगा। इसे लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। आपको बता दें कि कोरोना से बचाव और इलाज के लिए आइवरमेक्टिन को देश के अन्य राज्यों में तीन दिनों तक एक बार खिलाया जा रहा है। आईसीएमआर की गाइडलाइन भी यही है, लेकिन राज्य की एक्सपर्ट कमेटी ने ये दवा तीन दिन तक दो बार खिलाने की सिफारिश की है। इस फैसले पर कई डॉक्टरों ने कड़ा ऐतराज भी जताया है। डॉक्टरों का कहना है कि आइवरमेक्टिन की दवा से कई लोगों में डायरिया की शिकायत मिल रही है। वहीं इसे लेकर एक्सपर्ट कमेटी का कहना है कि यह सामान्य बात है। आइवरमेक्टिन कोरोना से बचाव में काफी हद तक कारगर रही है। राज्य के हर नागरिक को आइवरमेक्टिन का कोर्स कराने के बाद संक्रमण में कमी आएगी।