उत्तराखंड देहरादून5 MLAs from Uttarakhand ready to give up seat for CM Tirath Singh Rawat

उत्तराखंड के 5 विधायक CM तीरथ के लिए सीट छोड़ने को तैयार..जल्द होगा फैसला

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि उपचुनाव की सीट को लेकर जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश के 5 विधायक सीएम के लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं।

Tirath Singh Rawat: 5 MLAs from Uttarakhand ready to give up seat for CM Tirath Singh Rawat
Image: 5 MLAs from Uttarakhand ready to give up seat for CM Tirath Singh Rawat (Source: Social Media)

देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अभी पौड़ी से सांसद हैं। उन्हें जल्द से जल्द विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। सीएम तीरथ सिंह रावत किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, इसे लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है। प्रदेश के कई मंत्री-विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट और भीमताल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने भी सीएम तीरथ को चुनाव लड़ने का न्यौता दिया है। इस बीच उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि उपचुनाव की सीट को लेकर जल्द निर्णय हो जाएगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के उपचुनाव के लिए पांच विधायक सीट छोड़ने को तैयार हैं। मीडियाकर्मियों से बातचीत में मदन कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री के चुनाव पर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। कोटद्वार के विधायक कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत, बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट और भीमताल के विधायक रामसिंह कैड़ा के अलावा दो और विधायकों ने मुख्यमंत्री को उनकी सीट से चुनाव लड़ने का न्यौता दिया है।

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मदन कौशिक ने कहा कि इसे लेकर उनकी मुख्यमंत्री से दो दौर की बातचीत भी हो चुकी है। फिलहाल हमारा फोकस कोरोना महामारी की रोकथाम पर है। आपको बता दें कि तीरथ सिंह रावत सांसद रहते हुए मुख्यमंत्री बनने वाले प्रदेश के पांचवें सांसद हैं। इस परंपरा की शुरुआत साल 2002 में हुई थी। तब सीएम एनडी तिवारी नैनीताल से लोकसभा के सांसद थे। सीएम बनने के बाद उन्होंने रामनगर विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता था। इसी तरह सांसद रह चुके भुवन चंद्र खंडूड़ी को सीएम बनने के बाद धुमाकोट से चुनाव लड़ना पड़ा। इसके बाद टिहरी से सांसद विजय बहुगुणा सीएम बने तो उन्होंने सितारगंज से विधानसभा का चुनाव जीता था। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सीएम बनने के बाद धारचूला से विधानसभा चुनाव लड़ा था। उनके लिए पार्टी के ही विधायक हरीश धामी ने सीट छोड़ी थी।