चमोली: उत्तराखंड में मौसम बिगड़ने के साथ ही पहाड़ों पर दुर्घटनाओं का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। आए दिन पहाड़ों पर हादसों की खबरें सामने आ रहीं हैं। पहाड़ियों से लगातार बोल्डर और मलबा गिरने से लोगों की मृत्यु हो रही है। ऐसा ही कुछ चमोली जिले के गोपेश्वर में भी देखने को मिला। बदरीनाथ हाईवे पर बीते बुधवार को पहाड़ी पर हुए भूस्खलन में एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई है जबकि अन्य दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। चमोली में इन दिनों बदरीनाथ हाईवे पर ऑलवेदर रोड के तहत सड़क के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। सड़क के चौड़ीकरण के कार्य के दौरान ही बीते बुधवार की शाम को पहाड़ी पर जबरदस्त भूस्खलन हो गया जिसमें एक मजदूर की दर्दनाक मृत्यु हो गई जबकि अन्य दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को जोशीमठ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है जहां पर उनका उपचार चल रहा है। जब पहाड़ पर भूस्खलन हुआ तब घटनास्थल पर तकरीबन 50 मजदूर काम कर रहे थे। बेहद मुश्किल से उन्होंने अपनी जान बचाई।
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इन दिनों बद्रीनाथ हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य जोरों-शोरों से चल रहा है और भारत निर्माण कंपनी विष्णुप्रयाग में चौड़ीकरण का निर्माण कार्य करवा रही है। निर्माण स्थल पर कई मजदूर काम कर रहे हैं। बीते बुधवार की शाम को मजदूर सड़क चौड़ीकरण का कार्य कर रहे थे कि तभी अचानक पहाड़ी से जबरदस्त भूस्खलन हो गया जिसमें हिमाचल प्रदेश के शिमला का निवासी नरेश बोल्डर की चपेट में आ गया और मलबे के अंदर दबकर नरेश की मृत्यु हो गई। जबकि नेपाल का निवासी कृष्णा एवं जोशीमठ का निवासी प्रेम सिंह भी मलबे की चपेट में आ गए। इसके बाद से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। कार्यस्थल पर 50 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे और भूस्खलन के दौरान सभी ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। पुलिस उपाधीक्षक धन सिंह तोमर ने बताया कि मजदूरों ने पुलिस को हादसे की सूचना दी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों का रेस्क्यू किया। पुलिस ने बताया कि एक मजदूर की मृत्यु हो गई है जबकि अन्य दो घायल मजदूरों को जोशीमठ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है।
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वहीं नीति मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग बीते बुधवार को भूस्खलन के कारण लोंग गांव के पास बंद हो गया है जिस वजह से नीति घाटी के पास लोग मुख्य बाजार की तरफ नहीं जा पा रहे हैं और उनका रास्ता बंद हो रखा है। चट्टान टूटने की सूचना बीआरओ को दे दी गई है बीआरओ की एक मशीन मौके पर पहुंची मगर वह मशीन भी खराब हो गई। बता दें कि नीति मलारी घाटी से सेना और आईटीबीपी के जवान भी निरंतर आवाजाही करते हैं ऐसे में सड़क बंद होने से स्थानीय निवासियों के साथ सेना को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि सड़क खोलने के लिए मशीन एवं मजदूर लगाए गए हैं और जल्द ही सड़क को खोल दिया जाएगा। बारिश के चलते 20 मई को बदरीनाथ हाईवे पर रड़ांग बैंड के पास कई जगह भूस्खलन होने से हाईवे बाधित हो गया था जिसको सड़क सीमा ने सातवें दिन सुचारू कर दिया है जिससे माणा के पास के क्षेत्रों में तैनात सेना एवं आइटीबीपी के वाहनों की भी आवाजाही सुचारू हो गई है।