उत्तराखंड देहरादूनCoronavirus in PurohitWala, Dehradun

देहरादून: एक ही गांव में 75 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव..6 लोगों की मौत

देहरादून में एक गांव के अंदर 75 प्रतिशत ग्रामीणों के संक्रमित होने के बाद और कोरोना के कारण 6 मौत होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक जांच के लिए गांव में नहीं पहुंची

Coronavirus in uttarakhand: Coronavirus in PurohitWala, Dehradun
Image: Coronavirus in PurohitWala, Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर के कारण चिंताजनक परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। शहरों से निकलकर यह संक्रमण तेजी से गांव में फैल रहा है। अब तक सैकड़ों ग्रामीण इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और उनकी जान जा चुकी है। ग्रामीणों को यह आश्वासन तो दे दिया जाता है कि उनको किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी मगर आखिरकार असलियत तो सबके सामने आ ही जाती है। सरकार और प्रशासन के झूठे वादों के बीच में ग्रामीणों की जिंदगियों के साथ उत्तराखंड में एक बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। जहां एक ओर प्रशासन और सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार लोगों की जांच की जा रही है और सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है तो वहीं देहरादून में तो एक अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है। देहरादून में एक गांव के अंदर 6 मौत होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां के लोगों की सुध नहीं ली और जांच के लिए नहीं पहुंची जिसके बाद से गांव वालों के बीच में आक्रोश दिखाई दे रहा है। हम बात कर रहे हैं देहरादून शहर से सटे हुए गांव पुरोहितवाला की जहां पर हाल ही में 6 लोगों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया है। आगे पढ़िए

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6 लोगों की मृत्यु के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गहरी नींद से नहीं जागी है और अब तक गांव में जांच नहीं हो पाई है। इसी के साथ गांव में सैनिटाइजेशन का काम भी नहीं किया गया है जिससे ग्रामीणों के बीच में भारी गुस्सा और आक्रोश है। पुरोहितवाला गांव में तकरीबन 105 परिवार और 300 लोग रहते हैं जिनमें से 75 फीसदी ग्रामीण इस वायरस की चपेट में हैं। लगभग पूरा गांव संक्रमित हो रखा है और बीते 20 दिनों में गांव के 6 लोग इस वायरस के कारण दम तोड़ चुके हैं मगर उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में नहीं पहुंची है और ना ही गांव को सैनिटाइज किया गया है। वहीं इन दिनों गांव में पेयजल की समस्या भी बनी हुई है जिस वजह से ग्रामीणों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पुरोहितवाला के निवासी उमा उपाध्याय और नरेश बहादुर ने बताया कि गांव में तकरीबन 300 लोग रहते हैं जिनमें से 75 फीसदी ग्रामीण इस संक्रमण की चपेट में है और गांव के अंदर कोरोना बम फूट चुका है। बता दें कि बीते 20 दिनों में गांव के कुल 6 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। उसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब तक गांव में आकर जांच नहीं की है। जान गंवाने वालों में से चार लोग कोरोना से जूझ रहे थे जबकि अन्य दो को सर्दी खांसी और बुखार से ग्रस्त थे।

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ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव के अधिकतर लोग इस वायरस की चपेट में हैं मगर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक बार भी गांव में आकर जांच नहीं की है। वे बार-बार सैनिटाइजेशन और ग्रामीणों की जांच के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। गांव में 20 दिनों के अंदर 6 लोगों की मृत्यु के बाद से ही ग्रामीणों के बीच में खौफ का माहौल पसर गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा सुरक्षा किट वितरित की जा रही है जिसके अंदर सरकार द्वारा सभी जरूरी दवाइयां और उपकरण दिए जा रहे हैं मगर उनके गांव में अभी तक कोई भी सुरक्षा किट ना तो वितरित की गई है और ना ही टीकाकरण का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान है। उन्होंने कहा कि उनके गांव में बुजुर्गों के लिए भी टीकाकरण का कोई कैंप नहीं लगाया गया है। ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा है कि गांव में सुरक्षा किट का वितरण करने के साथ ही सैनिटाइजेशन का काम भी किया जाए और इसी के साथ सभी ग्रामीणों की जांच भी हो ताकि सभी ग्रामीणों को आइसोलेट किया जा सके और उनका ठीक ढंग से उपचार किया जा सके। गांव में संक्रमण फैलने का एक मुख्य कारण यह भी है कि गांव के अंदर सभी लोग फिलहाल एक ही स्त्रोत से पानी पी रहे हैं। बीते कुछ दिनों से पेयजल के संकट से जूझ रहे पुरोहित वाला गांव में सभी लोग एक ही स्त्रोत से पानी पी रहे हैं जिस कारण संक्रमण फैलने का खतरा और अधिक बढ़ गया है।