चमोली: बीती 7 फरवरी को चमोली में जो हुआ उसके बारे में सोच कर ही रूह कांप जाती है। पल भर में चमोली जिले के तपोवन में सब कुछ तबाह हो गया। चमोली जिले में ऋषि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण भयानक जल प्रलय आई जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और कई परिवारों के चिराग बुझ गए। अभी तक चमोली जिले में आई आपदा के जख्म भरे नहीं हैं इसी बीच चमोली जिले में एक बार फिर से खतरे के संकेत दिखाई दे रहे हैं। जिले के ऊपर एक बार फिर से संकट मंडरा रहा है। रैणी गांव में बीती 7 फरवरी को आई आपदा के बाद उसी क्षेत्र में बने ग्लेशियर में भी दरारें दिख रही हैं। ऋषि गंगा के उद्गम क्षेत्र के ग्लेशियर में दरारें देखने के बाद ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को इस बात की सूचना दी और सूचना पर जिला प्रशासन ने आईटीबीपी और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया है और उनको मॉनिटरिंग के निर्देश दे दिए हैं। आपदा ग्रसित क्षेत्र के ग्लेश्यिर में दरारें दिखना चिंताजनक है जिसके बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। अनहोनी की आशंका के बाद पूरे क्षेत्र में फोर्स को अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए हैं.
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ग्रामीणों ने बताया कि जिस ऋषि गंगा के उद्गम स्थल में बीती 7 फरवरी को चमोली जिले में आपदा आई थी वहां फिर से ग्लेशियर में दरारें पड़ी हुई हैं ऐसे में यहां पर अनहोनी होने की आशंका बनी हुई है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही ग्रामीण ग्लेशियर क्षेत्र का भ्रमण करने गए थे और तभी उन्होंने ग्लेशियर में दरारें देखीं जिसके बाद उन्होंने बिना देरी किए प्रशासन को इस पूरे मामले की जानकारी दी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी का कहना है कि क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम और आईटीबीपी की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। डीएम स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि आइटीबीपी के अधिकारियों को लगातार क्षेत्र में मॉनिटरिंग के निर्देश दे दिए गए हैं और एनडीआरएफ की टीम क्षेत्र में आपदा के बाद से ही तैनात हो रखी है। डीएम ने बताया कि ग्रामीण ऋषिगंगा के उद्गम स्थल के पास ग्लेशियर में दरारें पड़ने की संभावना जता रहे हैं जिसके बाद प्रभावित क्षेत्र में टीम भेजी गई है और टीम की जांच-पड़ताल के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।