उत्तराखंड उधमसिंह नगरNegligence in coronavirus investigation in Udham Singh Nagar

उत्तराखंड: मुश्किल से कंट्रोल में आया कोरोना..यहां फिर से होने लगी जानलेवा लापरवाही

लैबकर्मियों ने स्वैब स्टिक से सैंपल लेने के बाद उन्हें डस्टबिन में फेंक दिया। रजिस्टर में यात्रियों की नेगेटिव रिपोर्ट दर्ज की, और उन्हें उत्तराखंड में एंट्री दे दी।

Coronavirus in uttarakhand: Negligence in coronavirus investigation in Udham Singh Nagar
Image: Negligence in coronavirus investigation in Udham Singh Nagar (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में कोरोना जांच के नाम पर गजब खेल हो रहा है। अगर आप यूपी से उत्तराखंड में दाखिल हो रहे हैं, तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें। उत्तराखंड में एंट्री के दौरान कोरोना जांच कराते वक्त सतर्क रहें, क्योंकि यहां कुछ निजी लैबकर्मी कोरोना जांच में जमकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। ताजा मामला ऊधमसिंहनगर के किच्छा का है। यहां लैबकर्मियों ने यूपी से उत्तराखंड में दाखिल हुए लोगों को फर्जी कोविड रिपोर्ट थमा दी। लैबकर्मियों ने स्वैब स्टिक से सैंपल लेने के बाद उन्हें डस्टबिन में फेंक दिया। रजिस्टर में यात्रियों की नेगेटिव रिपोर्ट दर्ज की, और उन्हें उत्तराखंड में एंट्री दे दी। मामले की खबर प्रशासन तक पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। कोरोना जांच में फर्जीवाड़े की सूचना पर एसडीएम नरेश दुर्गापाल, सीएमओ डॉ. डीएस पंचपाल, सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचसी त्रिपाठी एवं पुलभट्टा थाना इंचार्ज विनोद जोशी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहां दस्तावेज खंगाले गए। रजिस्टर की जांच हुई तो निजी कंपनी के कर्मचारियों की करतूत पकड़ में आ गई। रजिस्टर में कुल 103 जांच दिखाई गई थीं, जबकि मानक के अनुरूप सिर्फ छह जांच की गई थीं। आगे पढ़िए

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इस पर पुलिस ने कोरोना जांच टीम के आठ सदस्यों को हिरासत में ले लिया। पुलिस इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में यूपी और अन्य राज्यों से लगी सीमाओं पर कोरोना जांच के लिये स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैब से अनुबंध किया है। इसके तहत बाहर से आने वाले हर यात्री की रैपिड एंटीजन जांच अनिवार्य है। 27 मई से किच्छा के पुलभट्टा बॉर्डर समेत जिले की कुछ सीमाओं पर एक निजी कंपनी यह जिम्मेदारी निभा रही है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली कि पुलभट्टा बॉर्डर पर लैबकर्मी यात्रियों के सैंपल तो ले रहे हैं, लेकिन इनकी जांच करने की बजाय इन्हें डस्टबिन में फेंक दिया जा रहा है। यात्रियों को नेगेटिव बताकर रजिस्टर में एंट्री की जा रही है। यही कंपनी जिले के अन्य बॉर्डरों पर भी जांच कर रही है, ऐसे में आशंका है कि इसी तरह जिलेभर से हजारों लोगों को कुमाऊं में बिना जांच के एंट्री दी जा रही है। सीएमओ ऊधमसिंहनगर डॉ. डीएस पंचपाल ने कहा कि शुरुआती जांच में लैबकर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए हैं। पुलिस ने जांच टीम के आठ सदस्यों को हिरासत में लिया है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।