उत्तराखंड देहरादूनAir Quality Index in Uttarakhand

उत्तराखंड: मसूरी, देहरादून, चंपावत की हवा हुई शुद्ध, जानिए आपके जिले में कितनी साफ है हवा

पहाड़ से लेकर मैदान तक बरसात का दौर शुरू होने की वजह से पर्यावरण में राहत मिली है और हवा में शुद्धता दर्ज की गई है। बारिश के बढ़ने पर हवा के स्तर में और भी अधिक सुधार होगा।

Dehradun Air Quality Index: Air Quality Index in Uttarakhand
Image: Air Quality Index in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: मॉनसूनी बरसात के कारण वातावरण में शुद्धता आ गई है। प्रदूषण में कमी के कारण और बरसात के कारण हवा की शुद्धता में काफी बढ़ोतरी हुई है। कर्फ्यू के कारण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी कम हो रखी है जिस कारण उत्तराखंड में हवा की शुद्धता में बढ़ोतरी हुई है जो कि सकारात्मक संकेत है। उत्तराखंड के अधिकांश नगरों में बरसात के दौरान हवा काफी अधिक शुद्ध हो गई है। बरसात ने पहाड़ की हवा से गंदगी को दूर भगा दिया है। पहाड़ों की हवा सेहत के लिए भी अच्छी हो गई है। आज पहाड़ों की रानी मसूरी में हवा की क्वालिटी शानदार है। मसूरी में आज एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 32 है। उधर अल्मोड़ा का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 90 है। उत्तरकाशी के हालात चिंताजनक हैं। यहां एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 107 पहुंचा हुआ है। चमोली जिले के गोपेश्वर का भी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 107 दिखा रहा है। नैनीताल का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 45 है, बागेश्वर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 81 है, पिथौरागढ़ का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 87 है। चंपावत का सबसे बेहतर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स है। यहा एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 30 है। आगे जानिए शहरों का हाल

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शहरों की बात करें तो देहरादून एयर क्वॉलिटी इंडेक्स शानदार है। यहां एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 42 है। रुद्रपुर में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 106 पहुंचा हुआ है। हरिद्वार में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 79 है। प्रदूषण की ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने वाले एक्यूवेदर वेबसाइट के मुताबिक कुमाऊं के लगभग सभी मुख्य शहरों की स्थिति संतोषजनक है। कुमाऊं के लगभग सभी शहरों में प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो गया है और पहाड़ों की हवा शुद्व हो गई है। मानसूनी बरसात के कारण पहाड़ों की हवा पहले के मुकाबले काफी अधिक शुद्ध और सेहत के लिए लाभदायक हो गई है। अधिकांश जगह प्रदूषण की दर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम है और इसको मानकों के हिसाब से अच्छा माना जाता है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पहाड़ से लेकर मैदान तक बरसात का दौर शुरू होने की वजह से पर्यावरण में राहत मिली है और हवा में शुद्धता दर्ज की गई है। बारिश के बढ़ने पर हवा के स्तर में और भी अधिक सुधार होगा।