उत्तराखंड देहरादूनThe news of Satpal Maharaj and Harak Singh Rawat getting angry

उत्तराखंड: नए CM को लेकर BJP में थमा संग्राम, लेकिन खत्म नहीं हुई नाराजगी

रविवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद सभी मंत्रियों ने मीडिया से बात की, लेकिन कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत मीडिया से मिले बिना चुपचाप चले गए।

Pushkar singh dhami: The news of Satpal Maharaj and Harak Singh Rawat getting angry
Image: The news of Satpal Maharaj and Harak Singh Rawat getting angry (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में 4 महीने के अंतराल में दूसरी बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। शनिवार को युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया गया, रविवार को नए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने शपथ भी ले ली, लेकिन वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर जिस तरह सिर्फ दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया, उससे कई विधायक-मंत्री नाराज हैं। सीएम और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण से ऐन पहले नाराज मंत्री-विधायकों ने खूब ड्रामा किया। अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। इस घटनाक्रम को देखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूरा दिन नाराज विधायकों के मान-मनौव्वल में जुटे रहे। इस मेहनत के सफल नतीजे भी दिखे और नाराज सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत ने शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचकर नाराजगी की चर्चाओं पर विराम लगा दिया। इन दोनों ने शपथ तो ली, लेकिन जिस अंदाज में वो समारोह स्थल से विदा हुए, उसे देख लगता है कि नाराजगी अभी खत्म नहीं हुई है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड के मुख्य सचिव बने IAS संधु, IAS ओम प्रकाश को मिली ये जिम्मेदारी
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद सभी मंत्रियों ने मीडिया से बात की, लेकिन महाराज और हरक मीडिया से मिले बिना चुपचाप चले गए। शपथ ग्रहण समारोह के बाद सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, गणेश जोशी, बिशन सिंह चुफाल सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका आभार जताया, लेकिन कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और डॉ. हरक सिंह रावत किसी से नहीं मिले। नए मुख्यमंत्री को लेकर कई विधायकों का रेस्पांस भी बेहद ठंडा रहा, जिसे दिग्गजों की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस तरह नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब न सिर्फ विरोधियों बल्कि अपनों के निशाने पर भी आ गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीनियर मंत्री-विधायक अपने से जूनियर की सरपरस्ती में काम करने को तैयार नहीं हैं। पुष्कर सिंह धामी भी इन परिस्थितियों में खुद को असहज पा रहे हैं। बहरहाल नए मुख्यमंत्री के कारण बीजेपी में उपजे असंतोष और राजनीतिक उठापटक के बीच पुष्कर सिंह धामी खुद को कैसे साबित कर पाएंगे, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।