उत्तराखंड हरिद्वारScam worth crores in three projects in Haridwar

उत्तराखंड: PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में करोड़ों का घोटाला, बस कागजों में हुआ विकास

सिंचाई विभाग की तीन योजनाओं में करोड़ों का घोटला हुआ है। किसी योजना में विभाग ने किसानों के लिए आए मुआवजे को ठिकाने लगा दिया तो कहीं पूरी नहर कागजों में बनाकर भुगतान कर दिया गया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Haridwar Scam: Scam worth crores in three projects in Haridwar
Image: Scam worth crores in three projects in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: भ्रष्टाचार का मर्ज उत्तराखंड को भीतर ही भीतर खोखला कर रहा है। कभी गरीब छात्रों की छात्रवृत्ति हड़प ली जाती है, तो कहीं करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़कें पहली बरसात में ही बह जाती हैं। अब हरिद्वार में तीन परियोजनाओं में करोड़ों के घोटाले की खबर सामने आई है। मामला सिंचाई विभाग से जुड़ा है। जहां किसी योजना में विभाग ने किसानों के भूमि अधिग्रहण के लिए आए मुआवजे को ठिकाने लगा दिया तो कहीं एसटीपी प्लांट की 10 किलोमीटर की लाइन एक साल में ही जवाब दे गई। इन परियोजनाओं को लेकर हरिद्वार निवासी रतनमणि डोभाल ने सूचना के अधिकार के तहत सिंचाई विभाग हरिद्वार से सूचना मांगी थी। जिसमें तीन परियोजनाओं में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। पहला मामला नाबार्ड योजना से जुड़ा है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत एसटीपी प्लांट से गांव माजरी लक्सर तक 10 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई गई थी। परियोजना के लिए 24 करोड़ का बजट मिला, लेकिन योजना के तहत बनाई गई लाइन का बड़ा हिस्सा बिना इस्तेमाल किए ही ढह गया।

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दूसरा केस सोलानी नदी के तटबंध बनाने की परियोजना से जुड़ा है। 20 करोड़ की इस परियोजना के लिए ग्रामीणों को 350 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाने थे, लेकिन आरोप है कि विभाग ने ये रुपये कहीं और खर्च कर दिए। तीसरा केस तो गजब ही है। हरिद्वार के सुभाष गढ़ सराय क्षेत्र में पानी की उपलब्धता के लिए 4500 मीटर की नहर और 13 किलोमीटर गूल का निर्माण होना था। परियोजना के लिए 6.86 करोड़ का बजट मिला। 2017 में योजना स्वीकृत हुई थी, लेकिन 2019 में इसका काम बंद हो गया। कागजों में नहर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन सच ये है कि नहर 4500 मीटर की जगह सिर्फ 1400 मीटर तक ही बनी है। योजना अभी तक धरातल पर उतरी ही नहीं, जबकि इसका भुगतान भी कर दिया गया। वहीं मामले को लेकर विभाग के अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने 2 मामलों के लिए शासन को पत्र लिखा है। जबकि सुभाष गढ़ सराय क्षेत्र की योजना के लिए शासन की ओर से जांच कमेटी गठित कर दी गई है। मामले की जांच जारी है।