देहरादून: पलायन के चलते पहाड़ के गांव खाली हो गए हैं। खाली गांव-घरों में बाहर से आए लोग बस गए हैं। कई जगहें तो ऐसी हैं, जहां बाहरी लोगों की बढ़ती घुसपैठ के चलते वहां पहले से रह रहे लोगों को पलायन करना पड़ा है। इतना ही नहीं इससे वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की संभावना भी बनी हुई है। राज्य सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को इस समस्या के निदान के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। शासन के संज्ञान में आया है कि प्रदेश के कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से जननांकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। जिसका कुप्रभाव ‘कतिपय समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन’ के रूप में सामने आने लगा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर चिंता जताई, साथ ही समस्या के निदान के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा। डीजीपी के अलावा सभी जिलाधिकारियों एवं एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक जिले में जनपद स्तरीय एक समिति गठित की जाए। समिति इस समस्या के निदान के लिए अपने सुझाव देगी। संबंधित क्षेत्रों में शांति समितियों का भी गठन किया जाएगा। इन समितियों की समय-समय पर बैठक आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और उनका अपराधिक इतिहास है।
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ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिलाधिकारियों को कहा गया है कि इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध ख़रीद–फरोख्त पर विशेष निगरानी रखी जाए। इस पर रोक लगाते हुए यह देखा जाए कि कोई व्यक्ति किसी के डर या दवाब में अपनी संपत्ति न बेच रहा हो। इसके अलावा विदेशी मूल के उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जिन्होंने फर्जीवाड़ा कर भारतीय वोटर कार्ड अथवा पहचान पत्र बनवाए हैं। ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर उनके खिलाफ नियमानुसार करवाई की जाएगी। सभी जिलों में ऐसी जगहों का चिन्हीकरण कर असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।