उत्तराखंड हरिद्वारHarak singh rawat speaks about elections

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले सुर्खियों में हरक सिंह रावत, फिर दोहराया बड़ा बयान

हरक सिंह रावत ने एक बार फिर कहा कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते, साथ ही ये भी जोड़ा कि ‘माना चुनाव लड़ना पड़ा तो आप कहेंगे कि मां धारी की कसम बेकार चली गई’।

Harak singh rawat: Harak singh rawat speaks about elections
Image: Harak singh rawat speaks about elections (Source: Social Media)

हरिद्वार: अपने बेबाक बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई है। कभी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे हरक सिंह रावत मार्च 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी संग हो लिए थे। पांच साल पहले जिन कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी का हाथ थामा था, उनमें पूर्व मंत्री यशपाल आर्य भी शामिल थे। पिछले दिनों यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे की एक बार फिर कांग्रेस में वापसी हो गई। अब सबकी नजरें कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत पर टिकी हैं। हरक सिंह रावत को दबंग और बेबाक नेता माना जाता है। वो विभिन्न मामलों में अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में उन्होंने कई फैसलों पर अंगुली उठाई थी। नेतृत्व परिवर्तन के दौरान भी उन्होंने खुलकर नाराजगी जताई। अब जबकि उत्तराखंड में सियासी उठापटक का दौर चल रहा है तो हरक सिंह रावत ने फिर पुरानी इच्छा दोहराई है। उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।

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सियासी गलियारों में इसे उनका राजनीतिक दांव भी माना जा रहा है। बीते दिन हरक सिंह रावत ने कोटद्वार से लौटते वक्त हरिद्वार में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से मुलाकात भी की। इस दौरान उनके बीच मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर चर्चा हुई। मंगलवार को हरक बोले कि वह छह बार विधायक और कई बार मंत्री रह चुके हैं। वह पार्टी के सभी नेताओं से कह चुके हैं कि अब उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। साथ ही जोड़ा कि माना चुनाव लड़ना पड़ा तो आप कहेंगे कि मां धारी की कसम बेकार चली गई। कई बार इंसान संकल्प लेता है और मन भी होता है। कई बार ऐसा होता है कि मन की नहीं होती। खैर हरक के मन में क्या है, ये वही जानें, लेकिन फिलहाल उनका ये बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।