उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand vidhansabha election election commission order

उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में चुनावी सुगबुगाहट शुरू, निर्वाचन आयोग ने दिया बड़ा आदेश

उत्तराखंड में चुनावों को देखते हुए इलेक्शन कमीशन ने जारी किए निर्देश, निष्पक्ष चुनाव करवाने हेतु एक जिले में 3 साल से अधिक तैनात रहने वाले अफसरों का होगा तबादला-

Uttarakhand vidhansabha election: Uttarakhand vidhansabha election election commission order
Image: Uttarakhand vidhansabha election election commission order (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं और इन राज्यों में जोरों-शोरों से चुनावी बिगुल बज चुका है और सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावों की तैयारी तेज कर दी है। अगले साल , उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, गोवा में 25 मार्च 2022, मणिपुर में 19 मार्च 2022, पंजाब में 27 मार्च 2022, उत्तराखंड में 23 मार्च 2022 और उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को खत्म हो रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव में आचार संहिता का पालन कराने हेतु निर्वाचन आयोग ने एक अहम निर्णय लिया है। निर्वाचन आयोग ने यह आदेश दे दिए हैं कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े जिन भी अफसरों को 31 मई 2022 को एक जिले में तैनात हुए तीन साल पूरे हो जाएंगे उन तमाम अफसरों का तबादला किया जाएगा। इससे संबंधित आदेश इलेक्शन कमीशन ने इन पांचों राज्य की सरकारों को दे दिए हैं। इस निर्णय के पीछे मकसद पूर्ण निष्पक्ष तरीके से विधानसभा चुनाव का आयोजन करवाना है.

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निष्पक्ष चुनावों को मध्यनजर रखते हुए इलेक्शन कमीशन ने आगामी चुनावों में आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के लिए चुनाव प्रक्रिया से जुड़े उन सभी अफसरों का तबादला करने के आदेश दे दिए हैं जो कि 3 साल से अधिक समय से एक ही जिले में तैनात हैं। 3 साल की गणना करने के लिए आयोग ने 31 मई 2022 की कटऑफ डेट निर्धारित की है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले अक्सर निर्वाचन आयोग की ओर से यह आदेश कर दिया जाता है ताकि किसी भी तरीके से चुनाव में कोई बाधा नहीं आए और चुनाव निष्पक्ष तरीके से पूर्ण हो और अधिकारी किसी भी तरीके से चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करे। इसी के साथ आयोग ने पांचों राज्यों की सरकार को जारी पत्र में कहा है कि आयोग आशा करता है कि ऐसा कोई भी अधिकारी चुनाव ड्यूटी के साथ जुड़ा नहीं रहेगा या उसकी तैनाती नहीं होगी जिसके खिलाफ अदालत में कोई आपराधिक मामला लंबित हो।