बागेश्वर: संसाधनों की कमी के बावजूद उत्तराखंड की होनहार बेटियां खेलों की दुनिया में खूब नाम कमा रही हैं। बागेश्वर की रहने वाली प्रेमा रावत ऐसी ही प्रतिभाशाली बेटियों में से एक हैं। प्रेमा को हम जल्द ही उत्तराखंड महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलते देखेंगे। सुमटी गांव की रहने वाली प्रेमा रावत का चयन उत्तराखंड महिला क्रिकेट टीम के लिए हुआ है। उनकी शानदार उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी की लहर है। प्रेमा उत्तराखंड की टीम में शामिल होने वाली बागेश्वर की पहली महिला क्रिकेटर हैं। इस तरह उनकी उपलब्धि कई मायनों में खास है। सोमवार को घोषित 20 सदस्यीय टीम में प्रेमा को भी शामिल किया गया है। प्रेमा के पिता केदार सिंह रावत एयरफोर्स में तैनात हैं। उनके दो छोटे भाई हेमंत रावत और विमल रावत पढ़ाई कर रहे हैं। पहाड़ की दूसरी बेटियों की तरह प्रेमा का बचपन भी गांव में बीता। गांव के प्राथमिक विद्यालय में तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई करने के बाद वो परिवार संग बरेली चली गईं।
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प्रेमा ने बताया कि उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। गांव में वह अपने भाइयों के साथ जाकर क्रिकेट खेलने की जिद किया करती थीं। बरेली जाने के बाद उन्होंने क्रिकेट का अभ्यास शुरू किया और खेल को बेहतर बनाने के लिए नवंबर 2020 में एकेडमी ज्वॉइन की। वहां कोच सुनील कुमार ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनके खेल को निखारने में मदद की। प्रेमा रावत बॉलिंग ऑलराउंडर हैं। वह स्पिन गेंदबाजी करने के साथ मध्यक्रम में बल्लेबाजी करती हैं। कोचिंग में कड़ी मेहनत का उन्हें फल मिला और पहले की ट्रायल में वह प्रदेश की टीम में स्थान बनाने में सफल रहीं। प्रेमा कहती हैं कि एक क्रिकेटर के लिए राज्य और देश की टीम से खेलना सबसे बड़ा सपना होता है। अब वो राज्य की टीम में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहती हैं, ताकि भविष्य में देश के लिए खेलने का सपना साकार कर सकें।