उत्तराखंड देहरादूनFraud of crore in name of job in dehradun vidhansabha

देहरादून सचिवालय और विधानसभा में नौकरी का दिया झांसा, कई युवाओं से ठगे करोड़ों रुपये

सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, कई युवाओं को लगा चुका है चूना

Dehradun crore Fraud: Fraud of crore in name of job in dehradun vidhansabha
Image: Fraud of crore in name of job in dehradun vidhansabha (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये हड़पने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। भोले भाले युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देने वाले गिरोह के सरगना की पहचान कमल किशोर पांडेय के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी को त्यागी रोड संगम होटल के पास से गिरफ्तार किया है। बता दें कि इस गिरोह के सदस्यों ने अलग-अलग व्यक्तियों से नौकरी का वादा करने की धोखाधड़ी कर बड़े स्तर पर करोड़ों रुपये लिए थे। गिरोह के सदस्य खुद को सचिवालय में बड़ा अधिकारी बताकर युवाओं धोखाधड़ी किया करते थे और नौकरी लगाने के बदले लाखों रूपर मांगा करते थे। इसी के साथ वे उनका विश्वास जीतने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया करते थे। वहीं, पुलिस के मुताबिक इस गिरोह के कनेक्शन सचिवालय और विधानसभा से भी जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में पुलिस गहराई से मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। अबतक 10 लोगों का नाम सामने आया है जो कि इस गिरोह के द्वारा ठगी का शिकार हुए हैं। गिरोह के अन्य आरोपी ललित बिष्ट और मनोज नेगी फरार चल रहे हैं।

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16 अक्टूबर 2021 को पीड़ित मनीष ने थाना पटेल नगर में कमल किशोर पांडेय सहित 4 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मनीष ने पुलिस में तहरीर देते हुए बताया कि सरकारी विभाग में सरकारी नौकरी लगाने का वादा कर कमल किशोर पांडेय, मनोज नेगी, चेतन पांडेय और ललित बिष्ट ने उससे और उसके सगे संबंधियों से कुल 62 लाख रुपये हड़प लिए। आरोपी कमल किशोर पांडेय ने खुद को प्रशासनिक अधिकारी बताया तो ललित बिष्ट को सचिवालय में सचिव और मनोज नेगी को अपर सचिव बताया। इतना ही नहीं, इन लोगों ने नौकरी के नाम पर पैसे लेकर मनीष और उसके सगे संबंधियों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने आरोपियों के खातों की बैंको से उनके लेन-देन डिटेल ली। जिसमें पीड़ितों द्वारा समय-समय पर लाखों रुपये जमा कराना पाया गया। सभी आरोपियों के खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन भी पाया गया। गैंग के सदस्यों के मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ आ रहे थे।

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पुलिस टीम ने गिरोह के सरगना आरोपी कमल किशोर पांडेय को त्यागी रोड संगम होटल के पास से गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी से पूछताछ करने पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कई व्यक्तियों से सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी करने का जुर्म कबूला। मास्टरमाइंड कमल किशोर पांडेय ने पूछताछ में बताया कि वह और गिरोह के अन्य सदस्य आवेदकों को इंटरव्यू के लिए सचिवालय और विधानसभा ले जाते थे और वे आवेदकों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी देते थे। उसने पुलिस को यह भी बताया कि अब तक वह और उसके साथी मिलकर कई युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनसे करोड़ों रुपए हड़प चुके हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपी कमल किशोर पांडेय को अपनी हिरासत में ले लिया है और गिरोह के अन्य आरोपियों की खोजबीन में जुट गई है।