रुद्रप्रयाग: देवों की भूमि कहलाए जाने वाले उत्तराखंड में हर वर्ष सैकड़ों लोग बाबा केदारनाथ की यात्रा के लिए आते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि केदारनाथ यात्रा काल भैरव जी (bhukunt bhairav kedarnath) के दर्शन किए बगैर अधूरी मानी जाती है। जी हां, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार देश में जहां-जहां पर भी भगवान शिव का सिद्ध मंदिर है वहां-वहां पर काल भैरव जी के मंदिर की है और इन मंदिरों के दर्शन किए बगैर भगवान शिव के दर्शन करना अधूरा माना जाता है। काशी के बाबा विश्वनाथ हों या उज्जैन के बाबा महाकाल, केदारनाथ से लेकर अमरनाथ तक.. हर जगह सभी श्रद्धालु महादेव के साथ ही काल भैरव जी के दर्शन भी करते हैं। भगवान शिव के दर्शन के बाद भुकुंट भैरव के दर्शन करने के बाद ही तीर्थ यात्रा पूर्ण मानी जाती है।
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