उत्तराखंड टिहरी गढ़वालLt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal

उत्तराखंड के जांबाज को मिला परम विशिष्ट सेवा मेडल, हर मोर्चे पर दिया आतंकियों को करारा जवाब

लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट (Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal) 30 जून 2020 को रिटायर हो गए थे। उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल से अलंकृत किया गया है।

Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal: Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal
Image: Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड के एक और जांबाज को राष्ट्रपति द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल (Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal) से अलंकृत किया गया है। ये हैं टिहरी गढ़वाल के कीर्तिनगर के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट। चाहे बात सर्जिकल स्ट्राइक की हो, डोकलाम विवाद की हो..या जब देश की पश्चिमी या उत्तरी सीमा पर संकट के बादल उमड़ पड़े थे तब उत्तराखंड के इसी जाबांज अफसर ने अपनी विलक्षण बुद्धि और कुशलता के साथ परिस्थितियों का डटकर सामना किया और जीत हासिल की। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उनमें से एक है पीओके में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान प्राप्त की गई सफलता। जी हां, पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए मुंहतोड़ जवाब देने में लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट की भी बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने डोकलाम विवाद के दौरान भी बहुत बेहतरीन तरीके से काम किया और अपनी काबिलियत एवं हिम्मत का प्रदर्शन किया। लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट मूल रूप से कीर्तिनगर के खतवाड़ गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार पिछले 50 सालों से अधिक समय से मसूरी में रह रहा है। आगे पढ़िए
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  • पढ़िए शौर्य की कहानी

    Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal
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    लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट की प्रारम्भिक शिक्षा की बात करें तो उन्होंने मसूरी से ही अपनी स्कूलिंग और कॉलेज तक कि पढ़ाई की। आगे जानिए उनकी वीरता की कहानी। उनके पिता भी फौज में थे इसलिए वह बचपन से ही फौजी परिवेश में पले-बढ़े थे इसलिए उन्होंने बचपन से ही भारतीय सेना में जाने का मन बना लिया था और उस दिशा में कड़ी मेहनत करके यह मुकाम हासिल किया था। 19 दिसंबर 1981 को 9वीं गोरखा बटालियन में उन्होंने कमीशन प्राप्त किया। वह कमांड और स्टाफ दोनों में ही हमेशा से उच्च पदों पर कार्यरत रहे। उन्होंने बतौर कर्नल 3/9 गोरखा राइफल का नेतृत्व किया और ब्रिगेडियर के तौर पर 163 माउंटेन ब्रिगेड का भी नेतृत्व किया। वे 21 माउंटेन डिवीजन और 15वीं कोर कमांडर भी रहे। आगे पढ़िए

  • हर मोर्चे पर आतंकियों को दिया जवाब

    Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal
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    कमांडर के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान 2018 में कश्मीर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान उन्होंने बड़ी सफलता प्राप्त की और आतंकी गतिविधियों को कंट्रोल में लाने में बड़ी कामयाबी हासिल की। मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना ने 254 आतंकी ढेर कर दिए थे। वहीं 60 आतंकी पकड़े गए थे और 4 ने सरेंडर कर दिया। लेफ्टिनेंट जनरल एके यानी कि अनिल कुमार भट्ट (Lt Gen Anil Kumar Bhatt Param Vishisht Seva Medal) ने भारतीय सेना में 39 साल की लंबी अवधि तक सेवा प्रदान की। अपने कार्यकाल के दौरान उनकी कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति हुई। लेफ्टिनेंट अनिल कुमार भट्ट UYSM, AVSM, SM, VSM और अंततः रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय के सैन्य सचिव पद से 30 जून 2020 को रिटायर हुए। लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट 30 जून 2020 को रिटायर हो गए थे। अब उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल से अलंकृत किया गया है।