पौड़ी गढ़वाल: आघात, दुख, शोक, संताप....ये ऐसे शब्द हैं जो छोटे पड़ गए हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन ने हर किसी को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है। दुख को बयां करने के लिए शब्द नहीं है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के यूं चले जाने से हर देशवासी की आंखें नम हैं। खासकर हर उत्तराखंडवासी के लिए उनका निधन व्यक्तिगत क्षति है, ऐसी क्षति जिसकी कभी भरपाई नहीं हो पाएगी। उत्तराखंड को ऐसे दुर्भाग्य का सामना दूसरी बार करना पड़ रहा है। ये दूसरा मौका है जब उत्तराखंड का एक और लाल ‘बिपिन’ आधे रास्ते में ही साथ छोड़कर अनंत यात्रा पर निकल गया। सीडीएस रावत से पहले जनरल बीसी जोशी का भी बीच कार्यकाल में निधन हो गया था। बीते दिन वो मनहूस खबर आई, जिसने हर देशवासी का सीना छलनी कर दिया। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत की उनकी पत्नी और 11 अन्य अफसरों के साथ मौत हो गई। बता दें कि इससे पूर्व जनरल बिपिन चंद्र जोशी का भी थल सेनाध्यक्ष रहते हुए आकस्मिक निधन हुआ था। इत्तेफाक से दोनों के नाम बिपिन ही रहा।
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