उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Police 500 challan in receipt of 100 rupees

उत्तराखंड: 100 रुपये की रसीद पर 500 का चालान काट रही है पुलिस, जानिए क्या है कनफ्यूजन

पुलिस की चालान स्लिप वाहन चालकों का सिरदर्द बढ़ा रही है। वो ये सोचकर परेशान हैं कि जब स्लिप पर सौ रुपये दर्ज हैं, तो पुलिस 500 रुपये किस बात के वसूल रही है।

Uttarakhand Police Rs 100 Receipt: Uttarakhand Police 500 challan in receipt of 100 rupees
Image: Uttarakhand Police 500 challan in receipt of 100 rupees (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसके तहत नो पार्किंग में खड़े वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं। नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने वालों से जुर्माना वसूलना तो ठीक है, लेकिन समस्या ये है कि पुलिसवाले 500 रुपये का चालान काट रहे हैं, जबकि चालान स्लिप पर जुर्माना राशि के तौर 100 रुपये अंकित हैं। ऐसे में ये चालान स्लिप वाहन चालकों का सिरदर्द बढ़ा रही है। वो ये सोचकर परेशान हैं कि जब स्लिप पर सौ रुपये दर्ज हैं तो पुलिस 500 रुपये क्यों वसूल रही है। अब इसकी वजह क्या है, ये हम बताते हैं। दरअसल साल 2019 में पुलिस विभाग ने बड़ी संख्या में चालान बुक छपवा दी थी। तब नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर सौ रुपये जुर्माना वसूला जाता था। साल बदल गए, जुर्माने की राशि भी सौ रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गई।
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  • जानिए क्या है वजह

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    पुलिस की ओर से चालान खूब वसूले जा रहे हैं, लेकिन पुरानी चालान बुक हैं कि खत्म ही नहीं हो रहीं। बता दें कि साल 2020 में पूरे साल कोरोना संक्रमण की वजह से पुलिस चालान नहीं काट सकी, जिस वजह से चालान बुक ऐसे ही पड़ी रही। इसके बाद साल 2021 में भी जून तक चालान नहीं हुए। क्योंकि बड़ी संख्या में स्टॉक बचा हुआ था तो पुलिस ने प्रदेशभर में यही चालान बुक भिजवा दी। अब यही पुरानी चालान स्लिप वाहन चालकों को परेशान किए हुए है।

  • पुलिस ने बताई बड़ी बात

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    एसपी क्राइम प्रकाश चंद्र आर्य ने कहा कि कुछ समय पहले सभी दरोगाओं को पत्र लिखा गया था कि चालान बुक में दर्ज 100 रुपये को काटकर 500 रुपये कर दें और वहां अपने हस्ताक्षर करें, ताकि वाहन चालकों को कंफ्यूज न होना पड़े। दरअसल नो पार्किंग की चालान बुक काफी संख्या में छप गईं थीं, जो कि इस्तेमाल नहीं हो पाईं। अभी इन्हीं चालान बुकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।