पौड़ी गढ़वाल: CDS Bipin Rawat भले ही हमारे बीच नहीं हैं मगर उनके पैतृक गांव में आवास बनाने का सपना जल्द ही पूरा होगा। उनकी इच्छा थी कि गांव में उनका आवास बने। उन्होंने यह भी कहा था कि सेवानिवृत्त होने के बाद वे गांव सैंण में आकर रहेंगे। पैतृक गांव में उनका घर बनने का काम अगले साल ही शुरू होना था मगर उससे पहले ही जनरल रावत ने दुनिया को अलविदा कह दिया। पैतृक गांव में आवास बनाने का सपना सिर्फ जनरल बिपिन रावत का ही नहीं, बल्कि उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत का भी था। पिता की इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए जनरल रावत अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में आवास बनाने की तैयारी में थे। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन, उनके इस सपने को जरूर पूरा करने की जिम्मेदारी ली है उनके चाचा भरत सिंह रावत ने। उन्होंने कहा है कि जनरल बिपिन रावत हमारे बीच मौजूद नहीं हैं मगर उनकी इच्छाएं तो हमारे बीच उपस्थित हैं। उन इच्छाओं को हम पूरा करेंगे और बेटियों से वार्ता कर आवास निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत आज भी ग्राम सैंण में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने वह भूमि भी दिखाई, जिसे जनरल रावत ने अपने लिए आवास बनाने को चयनित की थी। उन्होंने बताया कि उनके भाई और भतीजे का सपना अब वे पूरा करेंगे। आदे पढ़िए
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जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत ने बताया कि कुछ माह पूर्व जनरल रावत ने उन्हें फोन कर हालचाल पूछा। जब उन्होंने सड़क न बनने की बात कही तो जनरल रावत ने उनसे वादा किया कि उनके गांव आने से पहले सड़क गांव तक पहुंच जाएगी।व हीं ग्रामसभा बिरमोली के अर्जुन सिंह ने कहा कि उन्होंने जनरल रावत से क्षेत्र में बेहतर शैक्षणिक संस्थान न होने की बात भी कही थी। इस पर जनरल रावत ने उन्हें क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय खोलने को कहा था। साथ ही उन्होंने युवाओं को सेना भर्ती प्रशिक्षण के लिए गांव में ही प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की भी बात कही थी। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के तौर पर जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे सैंण गांव पहुंचे और CDS Bipin Rawat के चाचा भरत सिंह समेत अन्य सदस्यों से मुलाकात की। जिलाधिकारी ने कहा कि परिवार के सदस्यों से वार्ता कर जनरल रावत की स्मृति में गांव में कोई निर्माण अथवा अन्य काम किया जाना है तो उस पर चर्चा की जाएगी।