उत्तराखंड देहरादूनRishabh Kaushik of Dehradun trapped in Ukraine with Pet Dog

देहरादून के ऋषभ यूक्रेन में फंसे, अपने डॉगी को अकेला छोड़कर नहीं आना चाहते

Dehradun के Rishabh Kaushik से एंबेसी अकेले भारत जाने की बात कही है, लेकिन वो अपने Pet Dog को छोड़कर भारत नहीं लौटना चाहते

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Image: Rishabh Kaushik of Dehradun trapped in Ukraine with Pet Dog (Source: Social Media)

देहरादून: युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की वतन वापसी का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड के छात्रों की भी रविवार से घर वापसी शुरू हो गई थी। आज सुबह यूक्रेन से उत्तराखंड के 7 छात्र स्वदेश लौटे, हालांकि अभी प्रदेश के कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और मदद मिलने का इंतजार कर रहे हैं। जंग के हालात के बीच वहां फंसे छात्र किसी भी तरह भारत लौट आना चाहते हैं, लेकिन उत्तराखंड के रहने वाले ऋषभ कौशिक अपने पालतू डॉगी मालीबू के बिना भारत लौटने को तैयार नहीं हैं।

Rishabh Kaushik of Dehradun trapped in Ukraine with Pet Dog

सबको अपनी जान की चिंता सता रही है, लेकिन ऋषभ मालीबू के लिए यूक्रेन में ही रुके हुए हैं। ऋषभ कौशिक देहरादून के किशनपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। वह अपने डॉगी मालीबू को बहुत चाहते हैं। ऋषभ ने बताया कि जब उन्होंने मालीबू को गोद लिया था, तब उसे पालने की जिम्मेदारी भी उठाई थी। ऐसे में उसे छोड़कर भारत आना संभव नहीं है। ऋषभ कौशिक खारकीव नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रेडियो इलेक्ट्रॉनिक्स से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। आगे पढ़िए

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ऋषभ ने बताया कि उन्होंने अपने डॉगी के साथ भारत लौटने के लिए जरूरी सहमति लेने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। एंबेसी ने उनसे अकेले भारत जाने की बात कही है, लेकिन उन्हें फैसला किया है कि अगर मालीबू उनके साथ नहीं जाएगा तो वह खुद भी वापस नहीं जाएंगे। ऋषभ ने कहा कि उनके दुबई के रास्ते भारत जाने की व्यवस्था हो गई थी, लेकिन उन्होंने अपने डॉगी के बिना घर जाना ठीक नहीं समझा। ऋषभ को उम्मीद है कि भारतीय दूतावास उनकी भावनाओं को समझेगा और वह मालीबू के साथ सुरक्षित घर पहुंचेंगे। ऋषभ ने भारतीय एंबेसी को लेकर नाराजगी भी जताई है। उन्होंने कहा कि हम युद्ध के बीच फंसे हुए हैं, लेकिन एंबेसी के अधिकारियों ने मदद नहीं की। भारतीय छात्र एंबेसी के निर्देशों का पालन कर अपनी जान खतरे में डालकर बॉर्डर तक पहुंचते हैं, तो वहां छात्रों को कोई भी अधिकारी नहीं मिलता। संपर्क करने पर अधिकारी अपने बयान से पलट जा रहे हैं। फिलहाल ऋषभ अपने एक परिचित के घर में रुके हुए हैं।