उत्तराखंड देहरादूनLong line at petrol pump in Haridwar

उत्तराखंड: पेट्रोल-डीजल के लिए लगने लगी लंबी लाइन, ड्रम लेकर पेट्रोल पंप पहुंचे लोग

हरिद्वार में डीजल और पेट्रोल के लिए हो रही है मारामारी, लग रही हैं लंबी लंबी लाइनें, कीमत बढ़ने के डर से बड़े-बड़े ड्रमों में डीजल स्टोर कर रहे हैं किसान

petrol diesel rate: Long line at petrol pump in Haridwar
Image: Long line at petrol pump in Haridwar (Source: Social Media)

देहरादून: रशिया और यूक्रेन के बीच में चल रहे युद्ध के कारण कच्चे तेल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। वहीं पेट्रोलियम कंपनियों ने भी मूल्य वृद्धि के लिए दबाव बनाया हुआ है। इस समय चुनाव से भी अधिक चर्चाएं डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों की हो रही हैं। जी हां, हर व्यक्ति आने वाले दिनों में बढ़ने वाले डीजल और पेट्रोल के दाम के बारे में बात कर रहा है.

Long line at petrol pump in Haridwar

ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में डीजल और पेट्रोल के दाम आसमान छू सकते हैं और इसी आशंका के मद्देनजर हरिद्वार जिले में पेट्रोल पंप पर भारी भीड़ लग गई है और लोग ड्रम लेकर पहुंच रहे हैं। यहां लोग अधिक से अधिक मात्र में पेट्रोल और डीजल स्टोर करने में जुट गए हैं। बता दें कि किसान भी डीजल को स्टोर करने में जुट गए हैं और सुबह से ही पेट्रोल पंप पर बड़े-बड़े ड्रम लेकर पहुंच रहे हैं। शहरों में भी पेट्रोल और डीजल को लेकर पंप पर मारामारी मची हुई है। लोग लंबी-लंबी लाइनें लगाकर जितना हो सके उतना अधिक पेट्रोल और डीजल अपने पास स्टोर कर रहे हैं। हर जगह पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल लेने के लिए मारामारी मची हुई है और वाहनों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।

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चलिए आपको बताते हैं कि आखिर डीजल और पेट्रोल को लेकर इस कदर पूरे देश में अफरा-तफरी क्यों मची हुई है। दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के कारण कच्चे तेल के दाम रिकॉर्ड तोड़ कर आसमान पर पहुंच गए हैं और तकरीबन सभी देशों में दामों में तीव्र उछाल देखने को मिला है। भारत में चुनाव आचार संहिता के चलते 2 माह से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई भी वृद्धि देखने को नहीं मिली है। आशंका जताई जा रही है कि मतदान समाप्त होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ सकते हैं और इसी को देखते हुए पेट्रोल और डीजल को लेकर हर जगह अफरा-तफरी मच रही है। हरिद्वार के भगवानपुर, कलियर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में किसान ट्रैक्टर और बुग्गी पर बड़े-बड़े ड्रम लेकर आ रहे हैं और डीजल भरकर ले जा रहे हैं। शहर के अंदर भी पेट्रोल पंप पर भारी भीड़ लगी है और वहां पर भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है और कुछ पेट्रोल पंप पर तो सुबह ही तेल समाप्त हो गया और दोबारा टैंकर मंगवाया गया है। गौर मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 9 साल में पहली बार 120 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई हैं। वहीं देश में पेट्रोल के दाम 15 से 22 रुपए तक महंगे हो सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार घरेलू तेल कंपनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए ही अपनी कीमतें बढ़ानी होंगी और इसका असर सीधे-सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।