उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालSatpal Maharaj spoke about the confidence report of the bureaucrats

सतपाल महाराज के मास्टरस्ट्रोक से उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप, हो सकता है बड़ा फैसला

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रेमचंद अग्रवाल ने भी satpal maharaj की Confidence Report वाली मांग का समर्थन करते हुए इसे जरूरी बताया है।

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Image: Satpal Maharaj spoke about the confidence report of the bureaucrats (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: धामी मंत्रिमंडल का गठन हो गया है। मंत्रिमंडल की शपथ के छह दिन बाद पुष्कर सिंह धामी जल्द ही विभागों का बंटवारा कर सकते हैं। किसे, कौन सा विभाग दिया जाए, इस पर होमवर्क जारी है।

Satpal Maharaj on confidence report of bureaucrats

इस बीच हाल में दोबारा कैबिनेट मंत्री बने सतपाल महाराज ने एक बार फिर विभागीय सचिव की सीआर (Confidence Report) मंत्रियों द्वारा लिखे जाने की मांग की है। उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया है कि आईएएस अफसरों जिसमें सचिव व अपर सचिव स्तर स्तर के लोग होते हैं उनके विभागों को जो मंत्री है उन मंत्रियों द्वारा उन अधिकारीयों की गोपनीय आख्या लिखने का प्रावधान होना चाहिए। सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होंने अपनी बात कैबिनेट के सामने रखी है। दूसरे मंत्रियों को भी यह विषय सरकार के सामने लाना चाहिए। अनुशासन लाने के लिए ये जरूरी है कि मंत्रियों को अधिकारियों की सीआर लिखने का मौका दिया जाए। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रेमचंद अग्रवाल ने भी उनकी मांग का समर्थन करते हुए इसे जरूरी बताया है। आगे पढ़िए

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सतपाल महाराज पहले भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। वो कहते हैं कि अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्था पहले से मौजूद है। उत्तराखंड में एनडी तिवारी सरकार के समय भी ऐसी व्यवस्था लागू थी, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। इसे दोबारा शुरू किया जाना चाहिए। बता दें कि मंत्रियों और सचिवों के बीच अनबन के मामले कई बार सामने आए हैं। कई मंत्रियों ने विभागीय अधिकारियों पर तवज्जो न दिए जाने का आरोप लगाया है। कई बार तो शिकायत सीएम तक भी पहुंची थी। अब कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने इस मुद्दे को पहली कैबिनेट में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष रखा है। satpal maharaj ने कहा कि सीएम ने इस संबंध में उचित फैसला लेने का आश्वासन दिया है। मंत्रियों को सचिव, अधिकारियों की सीआर लिखने का अधिकार मिलने से काम में और अधिक पारदर्शिता आएगी। ब्यूरोक्रेसी पर नियंत्रण भी बना रहेगा।