उत्तराखंड देहरादूनCM Dhami gave instructions to officers regarding attack of wild animals

उत्तराखंड: अब जंगली जानवरों के हमले में इंसान मरे तो नपेंगे अधिकारी, CM धामी ने दिया अल्टीमेटम

CM Pushkar Singh Dhami ने कहा कि अगर wild animals ने आबादी में हमला​ किया तो Forest officers और DFO को जवाब देना होगा।

pushkar singh dhami: CM Dhami gave instructions to officers regarding attack of wild animals
Image: CM Dhami gave instructions to officers regarding attack of wild animals (Source: Social Media)

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जंगली जानवरों के हमले की घटनाओं पर चिंता जताई है।

CM Dhami gave instructions to Forest officers

फॉरेस्ट अफसरों की मीटिंग में सीएम ने अफसरों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर कहीं भी जंगली जानवर के हमले में कोई इंसान मारा गया, तो अफसरों पर इसकी जवाबदेही तय की जाएगी। दरअसल प्रदेश में इन दिनों हालात ही कुछ ऐसे बने हुए हैं। राज्य के कई हिस्सों में गुलदार का आतंक है। जबकि हल्द्वानी में एक आदमखोर बाघ अब तक कई लोगों को अपना निवाला बना चुका है। राज्य बनने के बाद से अब तक 481 लोग गुलदार के हमले में जान गंवा चुके हैं, जबकि 1700 से ज्यादा लोग घायल हुए। इसमें हाथी, भालू और टाइगर के हमले भी जोड़ लिए जाएं तो, घायलों और मृतकों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। बीते एक साल में जंगली जानवरों के हमले में 59 लोग मारे गए, जबकि 225 घायल हुए।

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मौजूदा समय में भी राज्य के कई हिस्सों में गुलदार का आतंक बना हुआ है, लेकिन करोड़ों रुपये बहाने के बावजूद वन विभाग बीते सालों में कोई ऐसी ठोस कार्य योजना नहीं बना पाया, जिससे आबादी में जंगली जानवरों की घुसपैठ रोकी जा सके। इस पर सीएम धामी ने नाराजगी जाहिर की। वन विभाग की बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि गुलदार ने आबादी में हमला​ किया तो वन अधिकारी और डीएफओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने वन विभाग के अफसरों के साथ तल्ख लहजा अपनाते हुए सभी विभागों के समन्वय से एक टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी अधिकारियों को जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों को रोकने के लिए ठोस कार्य योजना बनाने को कहा है। बता दें कि इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत भी बाघ-गुलदार के बढ़ते हमलों पर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने के साथ और अधिक बाघ आबादी वाले इलाकों की तरफ आएंगे,‌ इसलिए प्रशासन सतर्क रहे।