उत्तरकाशी: पहाड़ की बेटियां ‘पहाड़ों’ पर जीत हासिल करने का हुनर खूब जानती हैं। अर्जुन अवार्ड विजेता महिला पर्वतारोही डॉ. हर्षवंती बिष्ट, प्रीति पोखरिया, ऐवरेस्ट विजेता शीतल जैसी ना जाने कितनी बेटियां हैं, जिन्होंने पर्वतों का गुरूर तोड़कर, अपने मजबूत हौसले का लोहा मनवाया।
Savita Kanswal climbed Everest
इन बेटियों में सविता कंसवाल का नाम भी शामिल हो गया है। उत्तरकाशी की रहने वाली सविता कंसवाल ने 12 मई की सुबह नौ बजे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट (8848.86) मीटर का सफल आरोहण किया है। उनके अभियान की सफलता की जानकारी प्रसिद्ध शेरफा बाबू ने इंटरनेट पर साझा की। 24 साल की सविता कंसवाल लौंथरू गांव की रहने वाली हैं। चार बहनों में सबसे छोटी सविता का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। उन्होंने कम उम्र में ही परिवार की जिम्मेदारी संभाल ली और पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दी। अपने मजबूत हौसले के दम पर सविता आज एवरेस्ट विजेता बनी हैं। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी, ओमेक्श फाउंडेशन के ओनर मोहित गोयल समेत कई हस्तियों ने सविता को बधाई दी। सविता के अभियान के लिए क्राउड फंडिंग की गई थी। जिसमें साम्राज्य ग्लोबल कंपनी, टीएचडीसी, ओमेक्स फाउंडेशन और एलारा कैपिटल जैसे कई संस्थानों ने मदद की। सविता पिछले साल एवरेस्ट मैसिक अभियान के तहत दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516) का सफल आरोहण कर चुकी हैं। माउंट ल्होत्से पर तिंरगा लहराने वाली सविता कंसवाल भारत की दूसरी महिला पर्वतारोही हैं। आगे पढ़िए अब तक सविता कंसवाल ने कितनी चोटियों को फतह किया
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Savita kanswal climbing record book
माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) नेपाल
ल्होत्से (8516 मीटर) नेपाल
त्रिशूल (7120 मीटर) उत्तराखंड
हनुमान टिब्बा (5930 मीटर) हिमाचल प्रदेश
कोलाहाई (5400 मीटर) जम्मू कश्मीर
द्रोपदी का डांडा डीकेडी (5680) मीटर उत्तराखंड
तुलियान (5500) मीटर जम्मू कश्मीर
लाबूचे (6119) मीटर नेपाल
चंद्रभागा (6078) मीटर हिमाचल प्रदेश