उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में बहादुर मां अपने बेटे की जान बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गई।
Mother fought with Leopard to save son in Nanakmatta
गुलदार महिला को लहूलुहान करता रहा, लेकिन महिला ने अपनी जान की परवाह न करते हुए गुलदार से लगातार मुकाबला किया और इस तरह बेटे और अपनी जान बचा ली। गुलदार के हमले में मां-बेटे की जान तो बच गई, लेकिन दोनों गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना नानकमत्ता क्षेत्र की है। जहां सरौंजा गांव निवासी हजारा सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर और छह साल का बेटा बलजीत सिंह रविवार रात घर के आंगन में सोये हुये थे। देर रात करीब डेढ़ बजे गुलदार ने बलजीत पर झपट्टा मार दिया। मच्छरदानी लगी होने से उसका पंजा पहले वार में बलजीत को नहीं लगा। आगे पढ़िए
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इस बीच गुर्राहट सुनकर कुलविंदर जाग गईं, गुलदार को सामने देख उनके हाथ-पांव कांपने लगे, लेकिन कुलविंदर ने हिम्मत बनाए रखी और और बलजीत को गोद में लेकर शोर मचाने लगीं। गुलदार के पंजों के वार से बलजीत और कुलविंदर घायल हो गये। बावजूद इसके कुलविंदर लगातार हाथों से गुलदार को पीछे धकेलने की कोशिश करती रहीं। कुलविंदर की गोद में बच्चा था, इसके बावजूद वो गुलदार से लड़ती रही। आखिरकार बाद में लोगों को अपनी ओर आता देख गुलदार जंगल की ओर भाग गया। गुलदार के पंजों से बच्चा और मां घायल हुए हैं। दोनों को सीएचसी ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। बता दें कि नानकमत्ता के ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से गुलदार का आतंक बना हुआ है। सरौंजा और आसपास के क्षेत्र में गुलदार तीन महिलाओं, एक बच्चे की जान ले चुका है। ग्रामीणों ने गुलदार के आतंक से निजात की मांग उठायी है।