उत्तराखंड देहरादूनNew education policy 2022 implemented in Uttarakhand

उत्तराखंड में आज से नई शिक्षा नीति लागू, 2 मिनट में जानिए इसकी खास बातें

उत्तराखंड में 12 जुलाई यानी आज से नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। आप भी पढ़िए New education policy 2022 की खास बातें

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Image: New education policy 2022 implemented in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में 12 जुलाई यानी आज से नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है।

New education policy 2022 implemented in Uttarakhand

उत्तराखंड में सबसे पहले विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा में नई एजुकेशन पॉलिसी-2020 को शुरू किया गया है। विद्यालयी शिक्षा विभाग ने भी इसकी पहले ही तैयारी कर ली है। इसके साथ ही उत्तराखंड नई एजुकेशन पॉलिसी-2020 लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अब उत्तराखंड के हर जिले में विकासखंड स्तर पर चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में वृहद रूप से बालवाटिकाओं का उद्घाटन होगा। उधर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। पहले फेज़ में 5000 आंगनबाड़ी केन्द्रों में नई एजुकेशन पॉलिसी-2020 के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जायेगा। प्री-प्राइमरी स्तर पर बालवाटिकाओं में बच्चों को एनईपी के प्रावधानों के तहत पढ़ाया जायेगा और इसके लिए सिलेबस तैयार कर लिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका और बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिका स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन तैयार की गई हैं। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। आगे जानिए नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 क्या है

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भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 शुरू की है। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
नई शिक्षा नीति में 10+2 बोर्ड स्ट्रक्चर को खत्म कर दिया गया है> अब नया स्कूल स्ट्रक्चर 5+3+3+4 होगा, जिसके तहत 5वीं तक प्रि-स्कूल, 6वीं से 8वीं तक मिड स्कूल, 8वीं से 11वीं तक हाई स्कूल और 12वीं से आगे ग्रेजुएशन होगा।
हर डिग्री चार साल की होगी. छठी कक्षा से ही वोकेशनल कोर्सेज उपलब्ध होंगे और 8वीं कक्षा से ही छात्र अपने सब्जेक्ट का चुनाव कर पाएंगे
सभी ग्रेजुएशन कोर्स में ‘मेजर’ और ‘माइनर’ का डिवीज़न होगा। जैसे साइंस का स्टूडेंट फिजिक्स को मेजर सब्जेक्ट और म्यूजिक को माइनर सब्जेक्ट के रूप में चुन पाएगा। साथ ही किसी भी सब्जेक्ट को चुना जा सकेगा।
-बच्चे 2 से 8 साल के बीच काफी तेजी से भाषा को सीख लेते हैं और कई भाषाएं जानना मस्तिष्क पर काफी सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है. इसलिए शुरू से ही तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी। ये हैं New education policy 2022 की खास बातें