उत्तराखंड हरिद्वारElephant baby separated from mother in Haridwar

उत्तराखंड: नदी में बह गया परिवार, बिछड़ गया हाथी का बच्चा..कर रहा है मां की तलाश

हरिद्वार में परिवार से बिछड़ा हाथी का शिशु, राजाजी पार्क प्रशासन ने किया नामकरण, अब कहलाएगा नसीब

haridwar baby elephant: Elephant baby separated from mother in Haridwar
Image: Elephant baby separated from mother in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: चाहे मनुष्य हो या जानवर भावनाएं सबके अंदर होती हैं और जब बात मां की आती है तो चाहे जानवर हो या इंसान कोई अपनी मां से दूर नहीं रहना चाहता।

baby Elephant separated from mother in Haridwar

जानवर भी अपनी मां से उतना ही प्रेम करते हैं जितना इंसान करते हैं। जब उनको आसपास अपनी मां नहीं दिखाई देती है तो उनके दिल में भी ठीक है वैसी की तड़प होती है जैसे कि हमारे दिलों में होती है। मां और शिशु का संबंध कितना शीतल, निस्वार्थ और निश्छल होता है वह इस वीडियो में देखिए। हरिद्वार से वीडियो खूब वायरल हो रही है जिसमें एक हाथी का छोटा बच्चा अपनी मां से बिछड़ गया है और वीडियो में अपनी मां को खोजता हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बरसात में न केवल मनुष्य का जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है बल्कि जानवर भी बरसात की वजह से काफी परेशानी में हैं। हाल ही में मूसलाधार बारिश की वजह से नदियों में तेज बहाव के कारण कई जानवरों का झुंड भी उस में बह गया और उसी तेज बहाव में बह कर एक शिशु हाथी अपने झुंड से बिछड़ गया।

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दरअसल, बीते दिनों भारी बारिश के चलते गजराजों का एक झुंड रवासन नदी के तेज बहाव में फंस गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि झुंड में शामिल डेढ़ माह का शिशु गजराज इसमें बह गया। जो बहते-बहते काफी दूर हरिद्वार वन प्रभाग की रसियाबड़ रेंज तक पहुंच गया। वनकर्मियों ने कड़ी मेहनत के बाद रेस्क्यू तो कर लिया, लेकिन इसे वापस इसके झुंड से नहीं मिला सके।बीती देर शाम सारे प्रयास विफल हो जाने के बाद इस शिशु गजराज को राजाजी पार्क प्रशासन को सौंप दिया गया है। इसका नामकरण भी किया गया है। चीला स्थित हाथी कैंप में इसके आने से खुशी का माहौल है। चीला रेंज अधिकारी अनिल पैन्यूली के अनुसार, अपने नसीब से ही ये इस आपदा में बच पाया है, इसलिए इसका नाम नसीब रखा गया है।