देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी स्कूल भगवान भरोसे चल रहे हैं।
Dehradun School India Map delhi missing news
लापरवाही का आलम तो पूछिए ही मत, कभी मास्टर साहब शराब पीकर स्कूल पहुंच जाते हैं तो वहीं एक स्कूल ऐसा भी है जहां बच्चों को भारत के उस मैप से पढ़ाया जा रहा था, जिसमें राजधानी दिल्ली का अता-पता नहीं था। अब मामला कैसे पकड़ में आया, ये भी जान लें। दरअसल उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम देहरादून के आपदा प्रभावित मालदेवता क्षेत्र का दौरा कर रही थी। इस दौरान टीम ने शिव जूनियर हाईस्कूल में बने आपदा राहत शिविर में पहुंच कर आपदा प्रभावितों को राशन और राहत सामग्री वितरित की। साथ ही शिविर में ठहरे बच्चों की पढ़ाई और खेल कूद संबंधित जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी का ध्यान स्कूल की दीवार पर बने भारत के गलत नक्शे पर गया। इस नक्शे से देश की राजधानी दिल्ली गायब थी। दीपक गुलाटी ने इस पर नाराजगी जाहिर की। निरीक्षण के दौरान उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य दीपक गुलाटी ने स्कूल में बने भारत के गलत नक्शे को लेकर प्राचार्य से कड़ी नाराजगी जताई।
ये भी पढ़ें:
उन्होंने कहा स्कूल में बने भारत के नक्शे में देश की राजधानी दिल्ली को ही नहीं दिखाया गया है, जो एक तरह से राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। राष्ट्र धर्म सबसे ऊपर है। इसके साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उधर प्राचार्य का कहना था कि यह नक्शा लगभग 2 से 4 दिन पूर्व ही बनाया गया है। नक्शे में दिल्ली को ना दर्शाया जाना एक मानवीय भूल है। आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी ने नक्शा बनाने वाले पेंटर से बात की तो उसने कहा यह नक्शा करीब 20 दिन पहले बनाया गया है। आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी ने गलत नक्शे पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मंदिर में देश का नक्शा गलत तरीके से प्रदर्शित किया जाना महज लापरवाही या गलती नहीं, बल्कि राष्ट्र से संबंधित एक गंभीर प्रकरण है। उन्होंने स्कूल के प्राचार्य से नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे तत्काल ठीक करने के लिए कहा है।