उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वालMamta Joshi of Srinagar Garhwal missing for 3 years

गढ़वाल: कहां लापता हो गई श्रीनगर की ममता, रसूखदारों के इशारे पर हल्का किया गया केस?

श्रीनगर में तीन साल से लापता है ममता जोशी, महिला की तलाश में दर-डर भटक रहा है परिवा..पढ़िए पूरी खबर -

ankita bhandari srinagar : Mamta Joshi of Srinagar Garhwal missing for 3 years
Image: Mamta Joshi of Srinagar Garhwal missing for 3 years (Source: Social Media)

श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल से 3 वर्षों से लापता ममता जोशी बहुगुणा का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है। ममता 25 नवंबर 2019 को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी।

Mamta Joshi of Srinagar Garhwal missing

3 वर्षों से ममता के परिजन दर-दर भटक रहे हैं मगर उनका कुछ भी सुराग नहीं मिल पाया है। इस मामले में उन्होंने पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। ममता जोशी का परिवार तीन वर्षों से उनकी राह ताक रहा है। परिजनों ने नवंबर 2019 में श्रीनगर कोतवाली में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी, लेकिन अभी तक ममता का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस भी एक साल पहले फाइनल रिपोर्ट लगाकर घटना से जुड़ी फाइल कोर्ट भेज चुकी है। मिली गई जानकारी के मुताबिक, 25 नवंबर 2019 को कीर्तिनगर के चौरास निवासी राजाराम जोशी की विवाहिता बेटी ममता श्रीनगर के नर्सरी रोड मोहल्ला स्थित अपने घर से अचानक लापता हो गई थी। अगले दिन उसके बड़े भाई दीपक जोशी ने ममता की गुमशुदगी श्रीनगर कोतवाली में दर्ज कराई। ममता का फोन घर पर ही था, जबकि उनके चप्पल नैथाणा झूला पुल से बरामद हुआ था।

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नदी में छलांग मारने की आशंका को देखते हुए पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस ने अलकनंदा नदी में सर्च अभियान चलाया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। ममता के छोटे भाई प्रदीप जोशी का कहना है कि उनका परिवार ढाई साल से ममता की तलाश में भटक रहा है। वो मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके हैं। वहीं उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने इस प्रकरण में सही ढंग से विवेचना नहीं की। कुछ रसूखदारों के इशारे पर केस को हल्का किया गया। मामले की तह तक पहुंचे बिना ही इस केस को बंद कर दिया गया। इसलिए कोर्ट में पुलिस की रिपोर्ट के खिलाफ अपील की गई है। वहीं श्रीनगर सीओ श्याम दत्त नौटियाल ने बताया कि ममता की खोजबीन में कोई लापरवाही नहीं की गई है। नदी में तलाश करने के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी उसकी तलाश की गई। ममता अपने साथ फोन भी नहीं ले गई।काफी प्रयासों के बाद उसका पता नहीं चलने पर मई 2021 में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को भेजी गई, हालांकि, पुलिस अभी भी ममता की खोजबीन कर रही है।