उत्तराखंड चमोलीJoshimath Sinking Cracks in Shankaracharya Math Shivling

Joshimath Sinking: पौराणिक शंकराचार्य मठ में दरारें, खंडित हुआ शिवलिंग, शिव मंदिर धंसा..खौफ का मंजर

Joshimath Sinking शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में भी आई दरारें, भू-धंसाव का बढ़ा दायरा..आप भी पढ़िए पूरी खबर

joshimath sinking latest updates : Joshimath Sinking Cracks in Shankaracharya Math Shivling
Image: Joshimath Sinking Cracks in Shankaracharya Math Shivling (Source: Social Media)

चमोली: Joshimath Sinking जोशीमठ के लिए आज पूरा भारत मिलकर प्रार्थना कर रहा है। पूरा शहर बर्बाद हो रहा है। ज़मीनोज़द हो रहे इस शहर को अब बचा पाना कठिन है।

Joshimath Sinking Cracks in Shankaracharya Math

आदि गुरु शंकराचार्य मठस्थली भी भू धंसाव का शिकार होने लगी है।मठस्थली में मौजूद शिव मंदिर करीब छह इंच धंस गया है और यहां रखे हुए शिवलिंग में दरारें आ गई हैं। मंदिर के ज्योर्तिमठ का माधवाश्रम आदि शंकराचार्य ने बसाया था। यहां देशभर से विद्यार्थी वैदिक शिक्षा व ज्ञानार्जन के लिए आते हैं। वर्तमान में भी 60 विद्यार्थी यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दरअसल आदि गुरु शंकराचार्य मठस्थली के भीतर ही शिवमंदिर है। इस मंदिर में क़ई लोगों की मान्यता है।वर्ष 2000 में शिवलिंग जयपुर से लाकर स्थापित किया गया था। आगे पढ़िए

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मंदिर के पुजारी श्री वशिष्ठ ब्रहम्चारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले करीब 12-13 माह से यहां धीरे-धीरे दरारें आ रहीं थीं। मगर किसी को यह अंदाजा तक नहीं था कि हालात यहां तक पहुंच जाएंगे। पहले दरारों को सीमेंट लगाकर रोकने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन पिछले सात-आठ दिन में हालात बिगड़ने लगे हैं। मंदिर करीब छह से सात इंच नीचे की ओर धंस चुका है। दीवारों के बीच गैप बन गया है। मंदिर में विराजमान शिवलिंग भी धंस रहा है। पहले उस पर चंद्रमा के आकार का निशान था जो कि अब अचानक बढ़ गया है। वहीं नृसिंह मंदिर परिसर में भी फर्श धंस रहा है। मठभवन में भी दीवारों में दरारें आने लगी हैं। यह फर्श 2017 में डाला गया था, जिसकी टाइलें बैठने लगी हैं। कुल मिला कर जोशीमठ को हमारी प्रार्थनाओं की और उससे भी ज़्यादा सख्त कार्यवाही की ज़रूरत है ताकि समय रहते हालात काबू में लाए जा सकें।