उत्तराखंड चमोलीdeep crack scene in joshimath

जोशीमठ में फिर बजी खतरे की घंटी, खेत में मिली 6 फीट की गहरी दरार

भारी बारिश और यात्रियों की भीड़ के बीच जोशीमठ में फिर आई 6 फीट की दरार, फैली दहशत, पढ़िए पूरी खबर

Deep crack joshimath: deep crack scene in joshimath
Image: deep crack scene in joshimath (Source: Social Media)

चमोली: जोशीमठ में जिसका डर था वही हो रहा है। बरसात के सीजन में फिर से दरारों के बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है।

Deep crack scene in joshimath

स्थानीय लोगों ने प्रशासन को पहले ही सचेत कर दिया था कि बरसात में जोशीमठ के हाल और अधिक खराब होने वाले हैं मगर प्रशासन ने इसको सीरियसली नहीं लिया और लोगों की बात न सुनने का नतीजा है कि जोशीमठ में एक बार फिर से दरारे बढ़ रही हैं और दरारों का और अधिक बढ़ना लगातार जारी है जो कि बेहद चिंता का विषय है। दरअसल उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक बार फिर लोगों के बीच खौफ पैदा हो गया है। जोशीमठ में एक खेत में 6 फीट की गहरी दरार मिली है, जो कि माना जा रहा है कि भारी बारिश के चलते हुआ है। लोगों को डर था कि मानसून के चलते जोशीमठ में परिस्थितियां हाथ से निकल सकते हैं और कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। मॉनसून को शुरू हुए भी कुछ ही दिन हुए हैं और जोशीमठ में दरारें और अधिक बढ़ रही हैं। इन दिनों चारधाम यात्रा जारी है। भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। ऐसे में बद्रीनाथ जाने वाले रास्ते में पड़ने वाला मुख्य इलाका जोशीमठ में एक बार फिर दरारों को लेकर चर्चा में आ गया है।

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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक चश्मदीद के मुताबिक उसे अपने एक खेत में 6 फीट की दरार दिखाई दी। दरअसल, भारी बारिश के चलते ऐसा हुआ। जनवरी के महीने में कई घरों में आई खतरनाक दरारों के चलते सैकड़ों परिवारों को निकालना पड़ा था। अब जोशीमठ शहर के सुनील वार्ड के निवासी विनोद सकलानी के खेत में दरार दिखाई दी। उन्होंने कहा “मुझे अपने घर के पास एक छोटे से खेत में कम से कम 6 फीट की एक दरार मिली है.।ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे मानसून की बारिश के कारण हुआ हो। " बता दें कि जनवरी में एक के बाद एक कई घरों में दरारें आने लगी थीं, जिसके चलते सैंकड़ों परिवारों को सुरक्षित जगह भेजना पड़ा और घर खाली कराने पड़े। उसके बाद से ही लगातार स्थानीय लोग प्रशासन को मरम्मत का कार्य करने की अपील कर रहे थे। लोगों का कहना था कि मॉनसून आने से पहले अगर कार्य पूरा हो जाए तो दरारें आने का खतरा कम हो सकता है। मगर प्रशासन ने सुध नहीं ली। इसके बाद अब मॉनसून में दरारों का बढ़ना फिर से शुरू हो गया है जो कि चिंता का विषय है।