पिथौरागढ़: स्नो लेपर्ड...दुनिया के सबसे खूबसूरत और दुर्लभ जीवों में से एक। उत्तराखंड में चीन सीमा से सटे क्षेत्रों में कई बार हिम तेंदुए दिखे हैं। इन्हें बचाने के लिए सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट भी चल रहा है।
Snow leopard seen in pithoragarh
उत्तरकाशी-चमोली के बाद अब पिथौरागढ़ में हिम तेंदुए की चहलकदमी कैमरे में कैद हुई है। यहां भारत-चीन सीमा से सटे धारचूला में पहली बार हिम तेंदुआ दिखाई दिया। पहली बार हिम तेंदुएं की तस्वीरें कैमरे में कैद की गईं। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने हिम तेंदुए को संकटग्रस्त जानवर की श्रेणी में रखा है। पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रही माउंटेन राइड टीम के सदस्यों ने हिम तेंदुए की तस्वीरें कैमरे में कैद की हैं। फोटो क्लिक करने वाले जयेंद्र सिंह बताते हैं कि 4 फरवरी की शाम वो कभी नहीं भूल पाएंगे। आगे पढ़िए
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Pithoragarh Snow Leopard
शाम पांच बजे भ्रमण के दौरान उनकी टीम ने दारमा घाटी की गढ़बैनाती नाम की पहाड़ी पर हिम तेंदुए को देखा। इसी के साथ छह साल का इंतजार खत्म हुआ और वो इस पल को कैमरे में कैद करने में कामयाब रहे। क्षेत्र के पांच गांवों में हिम तेंदुए के फुटप्रिंट भी मिले हैं। माउंटेन राइड की टीम को फिलम, बौन, दांतू, दुग्तू और बालिंग में हिम तेंदुए के फुटप्रिंट मिले हैं। डीएफओ पिथौरागढ़ जीवन मोहन दगाड़े ने कहा कि दारमा में पहली बार हिम तेंदुए देखे गए। यह पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से सुखद खबर है। अब यहां हिम तेंदुए के संरक्षण के लिए काम और तेज किया जाएगा। बता दें कि पिथौरागढ़ से पहले साल 2015 में बागेश्वर और 2020 में मुनस्यारी की गोरी घाटी में हिम तेंदुए नजर आए थे। जिनकी तस्वीरें डब्ल्यूडबल्यूएफ ने अपने कैमरे में कैद की थी।