उत्तराखंड देहरादूनHarish Rawat Speaks About BJP Election Symbol Atiq Ahmed

उत्तराखंड की सियासत में अतीक अहमद की एंट्री, लोकसभा चुनाव से पहले हरदा बोले बड़ी बात

हरदा ने बीजेपी पर आरोप लगा दिया कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का चुनाव चिन्ह अतीक अहमद होगा।

Harish rawat atiq ahmad : Harish Rawat Speaks About BJP Election Symbol Atiq Ahmed
Image: Harish Rawat Speaks About BJP Election Symbol Atiq Ahmed (Source: Social Media)

देहरादून: वो नाम यूपी की सियासत से होता हुआ अब उत्तराखंड की सियासत में गूंजने लगा है। वो माफिया डॉन जिसकी यूपी में हत्या हुई लेकिन उत्तराखंड की राजनीति के मैदान में उस माफिया डॉन ने एंट्री कर ली है।

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डॉन अतीक अहमद की हत्या का मुद्दा उत्तराखंड में चुनावी रूप ले रहा है। इस मुद्दे को हवा देने का काम किया है राजनीति के घाघ माने जाने वाले हरदा यानी हरीश रावत ने। जी हां बीजेपी ने कुछ सोचा हो या ना सोचा हो..लेकिन हरदा ने बीजेपी पर आरोप लगा दिया कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का चुनाव चिन्ह अतीक अहमद होगा। हरदा ने खुले तौर पर कह दिया कि बीजेपी के पास कोई मुद्दे नहीं है, विकास का एजेंडा नहीं है और इसलिए बीजेपी जातिवाद की राजनीति का पासा फेंककर लोकसभा चुनाव की चौसर जीतने की कोशिश में है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कह दिया कि बीजेपी इस बार के लोकसभा चुनावों में अतीक अहमद के नाम पर वोट बैंक बटोरने की कोशिश करेगी.. हरीश रावत यहीं नहीं रुके..उन्होंने लैंड जिहाद के नाम पर तोड़ी जा रही मजारों को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोल दिया। बकौल हरीश रावत जो अवैध मजार हैं, उनको तोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार इसके लिए कुछ तो नियम तो तैयार करे, क्योंकि संन्यासी और अन्य धर्मों से जुड़े लोग जंगलों में ही तपस्या करते थे. आगे पढ़िए

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अब बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। हरीश रावत ने अतीक अहमद वाला बयान दिया तो बीजेपी की तरफ से भी पलटवार हुआ। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का बयान सामने आया है। महेन्द्र भट्ट ने कह दिया कि हरीश रावत इतने सीनियर नेता हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि बीजेपी का चुनाव चिन्ह क्या है। महेन्द्र भट्ट कह रहे हैं कि बीजेपी का चुनाव चिन्ह मां सरस्वती का आसन कमल का फूल है, लेकिन कांग्रेस के नेता मुद्दों से भटक गए हैं। इसलिए वो इस तरह की बात कर रहे हैं। महेन्द्र भट्ट यहीं नहीं रुके..उन्होंने ये भी कह दिया कि हरीश रावत हरिद्वार से चुनाव लड़ने का जो सपना देख रहे हैं, वो पूरा नहीं होगा, क्योंकि उनकी ही पार्टी के नेता हरक सिंह रावत उनके सपनों को तोड़ने लगे हैं। इसलिए कांग्रेस को बीजेपी की चिंता नहीं करनी चाहिए। उत्तराखंड में कुल मिलाकर 5 लोकसभा सीटे हैं। इन पांचों सीटों पर 2014 से अब तक बीजेपी का ही कब्जा है। लेकिन इस बार कांग्रेस का दावा है कि चुनावी समीकरण बदलेंगे। ये ही वजह है कि चुनावों से पहले ही कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ बीजेपी मोदी सरकार के कामकाज के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है, तो कांग्रेस ने कई मुद्दे तैयार किए हैं। लेकिन इस बीच हरीश रावत ने अतीक अहमद का मुद्दा छेड़ कर सियासी माहौल को गरमा दिया है।