उत्तराखंड चमोलीsewerage problem in joshimath during monsoon

जोशीमठ में मानसून से सहमे लोग, बड़ी आपदा के संकेत

जोशीमठ में मानसून से दहशत में लोग, दरकते पहाड़ और दरारों में जल रिसाव।

Joshimath latest update : sewerage problem in joshimath during monsoon
Image: sewerage problem in joshimath during monsoon (Source: Social Media)

चमोली: आपदा प्रभावितक्षेत्र जोशीमठ में मानसून के कारण समस्याएं उजागर हो रही हैं। दरकते हुए पहाड़ों के बीच झमाझम बरसते पानी से दिक्कतें सामने आने लगी है।

sewerage problem in joshimath

यहां नालों या नालियों की मरम्मत न होने से बारिश के दौरान जमीन में पानी रिसने से भूमि व भवनों पर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो पानी रिसने से दरारें बढ़ रही हैं। आपदा प्रभावित जोशीमठ में आठ ऐसे बड़े नाले है जो नगर के पानी निकासी करते हैं। लेकिन जनवरी में आपदा के बाद से नाले हो या नालियां क्षतिग्रस्त हैं। ऐसे में इन दिनों बारिश का पानी भूमि में समा रहा है। आपदा के बाद प्रशासन व सरकार ने इस समस्या को महत्वपूर्ण मानते हुए सुरक्षित जल निकासी को जरूरी बताया था। आगे पढ़िए

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वैज्ञानिकों ने भी भूधंसाव में पानी व सीवर की निकासी जरूरी बताई थी। यहीं कारण है कि नगर पालिका के बजाए सिंचाई विभाग को नालों व नालियों की कार्ययोजना बनाकर इसके मरम्मत व निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी फरवरी माह में ही सिंचाई विभाग ने नगर का सर्वे कर 73 करोड़ की कार्ययोजना बनाकर जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेज दी थी। मानसून से पहले ही इस कार्य को कराया जाना था लेकिन इस कार्ययोजना पर कोई धनराशि आवंटित नहीं हुई। ऐसे में मानसून में जिस प्रकार घरों के आसपास पड़ी दरारों में बारिश का पानी समा रहा है। उससे बड़े खतरे का डर सता रहा है।