हरिद्वार: मिशन चंद्रयान-3 की सफलता में उत्तराखंड के कई होनहारों का खास योगदान रहा है। हरिद्वार के वैज्ञानिक दंपति नमन चौहान और उनकी पत्नी एकता चौहान ऐसी ही शख्सियत हैं।
Naman Chauhan Ekta Chauhan in Mission Chandrayaan 3
विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के लिए देश के वैज्ञानिकों के साथ नमन चौहान और एकता चौहान ने दिन-रात एक कर दिया था। नमन इसरो में साइंटिस्ट इंजीनियर एसडी के पद पर तैनात हैं। जबकि नमन की पत्नी एकता भी उनके विभाग में कार्यरत हैं। वैज्ञानिक नमन चौहान 2016 से इसरो में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी वैज्ञानिक एकता चौहान 2017 से इसरो से जुड़ी हुई हैं। नमन और एकता ने चंद्रयान-3 में लगे विभिन्न सर्किट की टेस्टिंग में सहयोग दिया, साथ ही सर्किट का विश्लेषण भी दोनों ने साथ में किया है। वैज्ञानिक नमन ने हरिद्वार में 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद पंतनगर से बीटेक किया। इस दौरान वो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में चुन लिए गए। बाद में नमन ने जॉब छोड़ दी और जयपुर से एमटेक की पढ़ाई शुरू की। एमटेक की पढ़ाई के दौरान नमन का चयन इसरो में हो गया। नमन की अपनी पत्नी एकता से पहली मुलाकात जयपुर में ही हुई थी। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
बाद में दोनों ने शादी कर ली और उनकी 11 महीने की बेटी भी है। जिसका नाम उन्होंने पाई रखा है, वो इसलिए क्योंकि जन्म के समय बेटी का वजन 3.14 किलो था और मैथ्स में पाई की वैल्यू 3.14 होती है। नमन चौहान ने बताया कि इसरो की परीक्षा बड़ी कठिन होती है। करीब एक से डेढ़ लाख बच्चों में से सिर्फ 50 बच्चों को चुना जाता है। वो बताते हैं कि साल 2019 में चंद्रयान-2 के असफल होने के बाद से ही इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 पर काम करना शुरू कर दिया था। वैज्ञानिकों की टीम ने तीन साल 10 महीने तक दिन-रात कड़ी मेहनत की और मिशन को सफल बनाया। वर्तमान में इसरो आदित्य यान, गगन यान, चंद्रयान-4, शुक्रयान आदि पर कार्य कर रहा है। मंगल ग्रह पर लैंडिंग की योजना भी है। शुक्र ग्रह पर शुक्रयान भेजने के लिए वैज्ञानिक कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सूर्य के लिए आदित्य यान अगले हफ्ते 2 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा।