उत्तराखंड देहरादूनSuccess Story of IAS Radhika Jha

उत्तराखंड: IAS बनने के लिए छोड़ दी ऐशो आराम की नौकरी, कड़ी मेहनत के दम पर पाई कामयाबी

आईएएस अफसर राधिका झा ने टॉप कॉलेज से पढ़ाई की, टॉप कंपनी में सेवा दी। उनके पास तमाम विकल्प थे, लेकिन उन्होंने आईएएस बनना चुना और मिसाल बन गईं।

IAS Radhika Jha: Success Story of IAS Radhika Jha
Image: Success Story of IAS Radhika Jha (Source: Social Media)

देहरादून: अगर अपने सपनों के साथ मेहनत पर पूरा भरोसा हो तो कठिन से कठिन लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

Success Story of IAS Radhika Jha

हम सभी को बचपन से ही परेशानियों का डटकर सामना करने और किसी भी परिस्थिति में हार न मानने की सीख दी जाती है। इस बात पर अमल करने वाले लोग अक्सर मिसाल बन जाते हैं। ऐसी ही कहानी है, उत्तराखंड की महिला अफसर राधिका झा की। उत्तराखंड कैडर की आईएएस अफसर राधिका झा ने टॉप कॉलेज से पढ़ाई की, टॉप कंपनियों में सेवा दी, लेकिन आईएएस अफसर बनने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। राधिका को अपने सपनों और मेहनत पर पूरा भरोसा था। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज से पढ़ाई करने वाली राधिका ने साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद इंडस्ट्रियल एंड ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी में मास्टर्स किया। आगे पढ़िए

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इसके बाद वो एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छे पद पर जॉब करने लगीं, लेकिन उन्हें अपने काम से संतुष्टि नहीं मिली। कुछ महीने जॉब करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी करने लगीं। राधिका ने जमकर मेहनत की और ऑल इंडिया रैंक 15 के साथ परीक्षा पास कर नौकरी छोड़ने के अपने फैसले को सही साबित कर दिखाया। आईएएस अफसर के तौर पर उनका अब तक का कार्यकाल शानदार रहा है। राधिका ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पब्लिक पॉलिसी से मास्टर्स की उपाधि हासिल की है। पिछले साल उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की प्रतिष्ठित Chevening Scholarship भी हासिल की थी। आईएएस अफसर राधिका झा प्रदेश के कई विभागों में सचिव का पद संभाल चुकी हैं। उन्हें साल 2020 में बेहतरीन काम के लिए राज्य स्तर का 'एक्सीलेंस इन गुड गवर्नेंस' अवॉर्ड भी दिया गया था।