उत्तराखंड रुद्रप्रयागSuccess Story of Rudraprayag Ajay Kapruwan Dairy Business

गढ़वाल: शहर की नौकरी छोड़ गांव लौटे अजय, अब दुग्ध पालन से हो रही है शानदार कमाई

अजय गांव में रहकर ही कुछ करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दुग्ध उत्पादन शुरू किया, जिससे आज वो लाखों कमा रहे हैं।

Rudraprayag Ajay Kapruwan: Success Story of Rudraprayag Ajay Kapruwan Dairy Business
Image: Success Story of Rudraprayag Ajay Kapruwan Dairy Business (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: अगर हम पॉजिटिव सोच रखें तो हर समस्या में मौके तलाशे जा सकते हैं।

Success Story of Rudraprayag Ajay Kapruwan

चुनौतियों को अवसर बनाया जा सकता है। रुद्रप्रयाग के अजय कपरवाण ने यही किया। उन्होंने दूध उत्पादन को स्वरोजगार का जरिया बनाया और दूसरों के लिए मिसाल बन गए। अजय आज दुग्ध उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। अजय रुद्रप्रयाग जिले के ग्वाड़- पुनाड़ गांव में रहते हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक में डिप्लोमा कर एक साल नोएडा की मदरसन कंपनी में जॉब की, लेकिन मन हमेशा पहाड़ में लगा रहा। वो गांव में रहकर ही कुछ करना चाहते थे। यही सोच उन्हें साल 2020 में एक बार फिर पहाड़ ले आई। अजय ने जॉब छोड़ दी थी, जब वो गांव पहुंचे तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार की थी। अजय ने काफी दिमाग लगाया फिर उन्हें दूध बेचने का आइडिया आया। आगे पढ़िए

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अजय कहते हैं कि क्योंकि दिन की शुरुआत चाय से शुरू होकर, रात सोने तक दूध सभी के लिए जरूरी है, इसलिए उन्होंने दुग्ध उत्पादन की सोची। वो शुद्ध दूध बेचना चाहते थे, ताकि लोगों को बाजार के मिलावटी दूध के सेवन से बचाया जा सके। जहां चाह, वहां राह...दुग्ध विकास विभाग की एनसीडीसी योजना ने भी उन्हें मदद की। विभाग ने उन्हें 3 लाख का लोन दिया। अजय ने अपनी तरफ से भी 3 लाख की जमापूंजी लगाई और 5 मवेशी खरीदे। इसके बाद दूध को बाजार में बेचने की चुनौती उनके सामने आई। तब एक बार फिर विभाग उनकी मदद के लिए आगे आया और आंचल डेयरी के माध्यम से दूध की बिक्री का इंतजाम किया। अजय 40-45 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध बेचने लगे। धीरे-धीरे अजय ने लोगों का विश्वास जीता और इसी के साथ उनका बिजनेस चल पड़ा। आज अजय के पास 9 गाय और 1 भैंस है। जिससे हर दिन 100 लीटर तक दूध का उत्पादन होता है। इस दूध की बिक्री 60 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से होती है। आज अजय न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। पूरे क्षेत्र में उनकी मिसाल दी जाती है।