उत्तराखंड हरिद्वारLocal people Opposing Haridwar Pod Taxi Project

Haridwar Pod Taxi: उत्तराखंड में नहीं दौड़ेगी भारत की पहली पॉड टैक्सी? यहां फंस रहा है सबसे बड़ा पेंच

विरोध की वजह Haridwar Pod Taxi Project के लिए तैयार होने वाला रूट है। व्यापारियों का कहना है कि इस परियोजना से उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।

Haridwar Pod Taxi Project: Local people Opposing Haridwar Pod Taxi Project
Image: Local people Opposing Haridwar Pod Taxi Project (Source: Social Media)

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार...प्रदेश के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में से एक। ये शहर अक्सर जाम से जूझता रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए यहां उत्तराखंड की पहली पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई गई

Haridwar Pod Taxi Project latest update

लेकिन ये परियोजना धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही। दरअसल स्थानीय व्यापारी और अन्य संगठन पॉड टैक्सी परियोजना का विरोध कर रहे हैं। विरोध की वजह पॉड टैक्सी के लिए तैयार होने वाला रूट है। व्यापारियों का कहना है कि अपर रोड और मुख्य बाजारों पर सड़कें संकरी हैं, ऐसे में अगर यहां पॉड टैक्सी के लिए पिलर लगाए जाएंगे तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा। इस बात पर हरिद्वार के सभी छोटे-बड़े व्यापारी एकजुट होकर प्रोजेक्ट का रूट बदले जाने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि श्रद्धालुओं की सुविधा और शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में पॉड टैक्सी परियोजना लाई गई थी। परियोजना के तहत पॉड टैक्सी को सीतापुर से उत्तरी हरिद्वार तक ले जाना प्रस्तावित है। बीच में कई स्टेशन बनाए जाने हैं। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

पॉड टैक्सी सड़क के ऊपर चलेगी तो इसके रूट को लेकर पिलर भी लगाए जाने हैं। मामले को लेकर बीते 4 सालों में अधिकारियों और स्थानीय व्यापारियों के बीच कई बैठक हो चुकी हैं, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। बीती 11 दिसंबर को जिला प्रशासन, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और स्थानीय संगठनों के बीच हुई बैठक में एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। यह कमेटी पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर सभी स्टेक होल्डर के बीच समन्वय बनाएगी और गलतफहमियों को दूर करेगी। ऐसे में अधिकारियों को उम्मीद है कि पॉड टैक्सी को लेकर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। यहां आपको पॉड टैक्सी योजना के बारे में भी बताते हैं। पॉड टैक्सी रोपवे की तरह ट्रांसपोर्ट करने वाली एक तकनीक है, जिसमें 4 से 6 यात्री एक केबिन के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा कर सकते हैं। विदेशों में संचालित होने वाली इस सेवा को सरकार हरिद्वार में भी शुरू करना चाहती है, लेकिन स्थानीय व्यापारियों और अन्य संगठनों के विरोध के चलते Haridwar Pod Taxi Project की राह में कई रुकावटें आ रही हैं।