टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड की बेटियां खेलों के क्षेत्र में हर दिन नई उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। पर्वतारोही अमीषा चौहान इनमें से एक हैं।
Mountaineer amisha Chauhan will participate in deaf Olympics
अमीषा का चयन डेफ ओलंपिक विंटर गेम्स के लिए हुआ है। वह एल्पाइन स्कीइंग प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगी। इस बार डेफ ओलंपिक विंटर गेम टर्की में आयोजित हो रहे हैं, जिसका समापन आगामी 12 मार्च को होगा। अमीषा सात मार्च को क्वालीफाइंग दौर की अपनी पहली प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी। महिला वर्ग में इस खेल में वह भारत की एकमात्र महिला प्रतिभागी है। पर्वतारोही व स्कीइंग खिलाड़ी अमीषा चौहान मूल रूप से टिहरी जिले के धनोल्टी तहसील स्थित भनस्वाड़ी गांव की रहने वाली है। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के नकरौंदा में रहता है। उनके पिता रविंद्र सिंह चौहान भारतीय सेना में रह चुके हैं। अमीषा ने बीटेक किया है, लेकिन कॉरपोरेट सेक्टर में जॉब के बजाय उन्होंने एडवेंचर स्पोर्ट्स को करियर बनाने का फैसला किया। शारीरिक रूप से कमजोर होने के बाद भी अमीषा अपनी हिम्मत के दम पर लगातार आगे बढ़ती रहीं।
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डेफ ओलंपिक विंटर गेम्स में चयनित होने के लिए अमीषा ने अर्जेंटीना, चिली व इटली में शार्ट टर्म प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। वह बीते 29 फरवरी को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया स्पोर्ट्स काउंसिल ऑफ दि डेफ के माध्यम से टीम इंडिया के साथ टर्की के लिए रवाना हुई। उपलब्धियों की बात करें तो साल 2017 में अमीषा ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत किलिमंजारो पर आरोहण किया। इसके बाद वर्ष 2018 में यूरोप के ऊंचे पर्वत शिखर माउंट अलब्रस पर तिरंगा फहराया। 23 मई 2019 को सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण कर अमीषा ने सबको हैरान कर दिया था। मार्च 2020 में पहले खेलो इंडिया विंटर गेम में अल्पाइन स्कीइंग नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक पाकर अमीषा ने प्रदेश का नाम रोशन किया। अब उन्होंने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। अमीषा के प्रशिक्षक व अन्य खेल प्रेमियों को उम्मीद है कि वह डेफ ओलिंपिक विंटर गेम्स में देश के लिए मेडल जरूर लाएंगी।