उत्तराखंड बागेश्वर53 children from Bageshwar selected in Sainik School Ghorakhal

उत्तराखंड: ऐसे शिक्षकों को नमन, सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में इस साल 53 बच्चे अकेले बागेश्वर जिले से

उत्तराखंड में बागेश्वर जिले की उत्तरायण अकादमी के 13 बच्चे सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में सेलेक्ट, इस वर्ष 50 से ज्यादा बच्चे अकेले बागेश्वर जिले के हैं..

Education in Bageshwar: 53 children from Bageshwar selected in Sainik School Ghorakhal
Image: 53 children from Bageshwar selected in Sainik School Ghorakhal (Source: Social Media)

बागेश्वर: शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए सैनिक स्कूलों की कक्षा छठवीं और नौवीं में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षायें आयोजित की गई थी। सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद से बागेश्वर जिला खासा चर्चाओं में है।

Sainik School Ghorakhal Admission 2024-25

सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में एडमिशन पर बागेश्वर जिले से बड़ी अच्छी खबर है। प्राइमरी स्कूल कपकोट के बाद, बागेश्वर के उत्तरायण अकादमी (Uttrayan Academy) के 13 छात्रों ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। ये छात्र कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश प्राप्त करने वाले छात्र हैं। बागेश्वर के कपकोट आदर्श प्राथमिक विद्यालय के कक्षा 5 के 40 बच्चों द्वारा सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। बागेश्वर के उत्तरायण अकादमी (Uttrayan Academy) और कपकोट आदर्श प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की सभी लोग प्रशंशा कर रहे हैं। आपको बता दें कि नैनीताल के पास स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की स्थापना 21 मार्च 1966 को रामपुर के नवाब की प्रॉपर्टी पर हुई थी।

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घोड़ाखाल नाम का सम्बन्ध 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की घटना से जुड़ा हुआ है। दरअसल, एक ब्रिटिश जनरल अवध के क्रांतिकारियों से बचने के लिए छिपता-छिपाता शराब पीते हुए अपने घोड़े के साथ इस क्षेत्र में आ गया था। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल देश के नंबर 1 सैनिक स्कूलों में से एक है। सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण बच्चों की सफलता से उनके शिक्षक और परिजन बहुत खुश हैं। स्कूल प्रबंधन एवं सभी अभिभावकों ने सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी 13 छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की है। उत्तरायण अकादमी जैसे विद्यालय छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को सैनिक स्कूल के अनुशासन से बच्चों के जीवन में आने वाले परिवर्तन से परचित कर उनके मानसिक बल को भी बढ़ा रहे हैं।